ब्रज रज वाक्य
उच्चारण: [ berj rej ]
उदाहरण वाक्य
- ब्रज रज को अपने मस्तक पर लगाने का एक अर्थ यह भी है कि आप आपने लिए मुक्ति के द्वार खोल रहे हैं क्यूंकि जब मुक्ति ने अपनी मुक्ति पूछी थी प्रभु से तो भगवन ने उसे भी यही कहा था कि ब्रज रज को अपने मस्तक पर लगाने से मुक्ति भी मुक्त हो जाती है.
- फ़िर प्रभुदानंद जी कहते हैं मेरे नेत्र वृन्दावन कि सुंदरता को देखकर खुशी से झूम जाएँ, मेरी बुद्धि यहाँ के प्रेम के रस में डूब जाये, मेरा शरीर यहाँ कि हवाओं के साथ बह जाये और मै लोट लोट के ब्रज रज को अपने ऊपर लगा लूं और एक लकड़ी कि भाँती मै हर ब्रजवासी के चरणों में गिर पडूं.
- राधा की सर्व व्यापकता सम्बन्धी गीत वृन्दावन के बिरछ कौ मरम न जानें कोय, डार डार और पात पै, राधे ई राधे होय तथा सभी प्राणियों को मोक्ष प्रदान करने वाली मुक्ति की मुक्ति भी ब्रज रज से होने के समर्थन में उन्होंने गाया मुक्ति कहै गोपाल सौं कै मेरी मुक्ति बताई, ब्रज रज उडि़ मस्तक लगै, मुक्ति मुक्त है जाय।
- राधा की सर्व व्यापकता सम्बन्धी गीत वृन्दावन के बिरछ कौ मरम न जानें कोय, डार डार और पात पै, राधे ई राधे होय तथा सभी प्राणियों को मोक्ष प्रदान करने वाली मुक्ति की मुक्ति भी ब्रज रज से होने के समर्थन में उन्होंने गाया मुक्ति कहै गोपाल सौं कै मेरी मुक्ति बताई, ब्रज रज उडि़ मस्तक लगै, मुक्ति मुक्त है जाय।