ब्रह्माण्ड पुराण वाक्य
उच्चारण: [ berhemaaned puraan ]
उदाहरण वाक्य
- [49] ब्रह्माण्ड पुराण (73|68-69) में गंगा को विष्णु के पाँव से एवं शिव के जटाजूट में अवस्थित माना गया है।
- वायु पुराण [118], ब्रह्माण्ड पुराण एवं अनुशासन पर्व ने उपर्युक्त पितरों एवं लौकिक पितरों (पिता, पितामह एवं प्रपितामह) में अन्दर दर्शाया हैं।
- ब्रह्माण्ड पुराण के अनुसार मेरु पर्वत की चोटी मंदार पर ' चैत्ररथ ' नामक एक दिव्य बगीचा है, जहाँ कुबेर आराम करते हैं।
- ↑ भागवत पुराण (56-57), वायु पुराण (96, 20-98), पद्म पुराण (276, 1-37), ब्रह्म वैवर्त पुराण (122), ब्रह्माण्ड पुराण (201, 15), हरिवंश पुराण (118) आदि ।
- विद्वान लोग ' वायु पुराण ' को स्वतन्त्र पुराण न मानकर ' शिव पुराण ' और ' ब्रह्माण्ड पुराण ' का ही अंग मानते हैं।
- अमरकोश के अनुसार ‘गव्यूति ' दो क्रोश के बराबर है, यथा-‘गव्यूति: स्त्री क्रोशयुगम्।' वायु पुराण (8|105 एवं 101|122-123) एवं ब्रह्माण्ड पुराण (2|7|96-101) के अनुसार 24
- ब्रह्माण्ड पुराण में भगवान व्यासदेव ने गो-सावित्राीस्तोत्रा में कहा, ‘ समस्त गौएं साक्षात् विष्णुरूप् हैं, उनके सम्पूर्ण अंगों में भगवान केशव विराजमान रहते हैं।
- वायु पुराण [116], ब्रह्माण्ड पुराण एवं अनुशासन पर्व ने उपर्युक्त पितरों एवं लौकिक पितरों (पिता, पितामह एवं प्रपितामह) में अन्दर दर्शाया हैं।
- ब्रह्माण्ड पुराण की कथा के अनुसार देवी अनुसूया के पतिव्रत से प्रसन्न होकर त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश ने उनके घर पुत्र रूप में जन्म लेने का वरदान दिया।
- विभिन्न पुराण ग्रंथों जैसे स्कंदपुराण, देवी भागवत पुराण, लिंग पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण, विष्णु पुराण, मत्स्य पुराण व पद्मपुराण में मृत्युंजय साधना के विशिष्ट क्रम उल्लेखित हैं।