भारत के गृह सचिव वाक्य
उच्चारण: [ bhaaret k garih sechiv ]
उदाहरण वाक्य
- पत्रकार वार्ता में मौजूद भारत के गृह सचिव जी के पिल्लई से जब पूछा गया कि इन आंकड़ों के सामने आने पर क्या लिंगानुपात से जुड़ी नीतियों पर विचार किया जाएगा, तो उन्होंने कहा कि, “हमें इन नीतियों को एक बार फिर देखना होगा और इनकी पूरी तरह से समीक्षा करनी होगी.”
- पत्रकार वार्ता में मौजूद भारत के गृह सचिव जी के पिल्लई से जब पूछा गया कि इन आंकड़ों के सामने आने पर क्या लिंगानुपात से जुड़ी नीतियों पर विचार किया जाएगा, तो उन्होंने कहा कि, “ हमें इन नीतियों को एक बार फिर देखना होगा और इनकी पूरी तरह से समीक्षा करनी होगी.
- भारत के गृह सचिव भी चेता चुके हैं कि NGOs को जिस प्रकार से अरब देशों, यूरोप और स्कैण्डेनेवियाई देशों से भारी मात्रा में पैसा मिल रहा है, उसका हिसाब-किताब ठीक नहीं है, तथा जिस काम के लिए यह पैसा दिया गया है, या चन्दा पहुँचाया जा रहा है, वास्तव में जमीनी स्तर वह काम नहीं हो रहा।
- तदोपरांत बियाडा के सभी कार्यकलापों को एक साथ रख कर वित्त, विधि एवं कार्मिक विभाग की सहमति से तत्कालीन प्रधान सचिव उद्योग विभाग श्री आर के सिंह (अभी सिंह भारत के गृह सचिव हैं और बिहार में सड़क-पुल निर्माण इन्ही की देन है) द्वारा तत्कालीन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम सिंह से अनुमोदन प्राप्त कर उक्त नियमावली 2007 अधिसूचित की गई ।
- यदि बयान ठीक था तो उसको जारी करने का समय क्या गृह सचिव को विदेश मंत्रालय से पूछकर तय करना चाहिए था? क्या कृष्णा के कथन का आशय यह है कि जब वह पाकिस्तान की यात्रा पर थे, उस समय पिल्लै को 26 / 11 के हमले में पाकिस्तानी हाथ का जिक्र नहीं करना चाहिए था? पाकिस्तानी विदेशमंत्री अपनी जमीन पर भारत के विदेश मंत्री का अपमान कर दें, भारत के गृह सचिव की सार्वजनिक आलोचना कर देंतो कुछ नहीं।
- इन विशेषज्ञों से देशों को सूचीबद्ध करते समय छह मुख्य खतरों की श्रेणियों को ध्यान में रखने को कहा गया था जिनमें स्वास्थ्य खतरे, यौन हिंसा, गैर यौन हिंसा, संस्कृति, परंपरा अथवा धर्म में पालन की जाने वाली हानिकारक प्रथाओं, ओर्थक संसाधनों तक पहुंच में कमी और मानव तस्करी शामिल है.सर्वेक्षण में कहा गया,”भारत मुख्यत बालिका भ्रूण हत्या, शिशु हत्या और मानव तस्करी के कारण चौथे स्थान पर है.” सर्वेक्षण के मुताबिक वर्ष 2009 में भारत के गृह सचिव मधुकर गुप्ता ने टिप्पणी की थी कि भारत में कम से कम 10 करोड लोग मानव तस्करी में शामिल हैं.