भ्रमरगीत वाक्य
उच्चारण: [ bhermergait ]
उदाहरण वाक्य
- सूर ने भ्रमरगीत प्रसंग द्वारा गोपियों की विप्रलंभ-श्रृंगार की ऐसी दशा का विस्तार से वर्णन किया है।
- सूरसागर का सबसे मर्मस्पर्शी और वाग्वैदग्धपूर्ण अंश ' भ्रमरगीत ' है जिसमें गोपियों की वचनवक्रता अत्यंत मनोहारिणी है।
- बच्चन सिंह लिखते है भ्रमरगीत के बहाने निर्गुणोपासना की धज्जियाँ उड़ाने में सूर ने कोई कसर नहीं उठा रखी थी।
- भावनाओं के सूक्ष्म और स्वाभाविक चितेरे महाकवि सूरदास के उलाहना-संग्रह ‘ भ्रमरगीत ' के समकक्ष ही उनका वात्सल्य-चित्रण चलता है।
- 9. सूर का भ्रमरगीत वियोग-श्रृंगार का ही उत्कृष्ट ग्रंथ नहीं है, उसमें सगुण और निर्गुण का भी विवेचन हुआ है।
- सूरदासजी ने भी भागवत की प्रेरणा से भ्रमरगीत प्रसंग को सूरसागर में लिखकर अपनी कृष्ण भक्ति को चरितार्थ किया है।
- 9. सूर का भ्रमरगीत वियोग-श्रृंगार का ही उत्कृष्ट ग्रंथ नहीं है, उसमें सगुण और निर्गुण का भी विवेचन हुआ है।
- संपादित ग्रंथों में हिंदी शब्दसागर, नागरी प्रचारिणी पत्रिका, भ्रमरगीत सार [4], सूर, तुलसी जायसी ग्रंथावली उल्लेखनीय है।
- इसी तरह हिंदी कृष्णकाव्य (उद्धवशतक, प्रियप्रवास आदि) में भ्रमरगीत परंपरा के अंतर्गत दूतकाव्य या संदेशकाव्य के कुछ बीज मिल जाएँगे।
- जहाँ तक ज्ञात है, इनकी चार पुस्तकें ही अब तक प्रकाशित हुई हैं रासपंचध्यायी, भ्रमरगीत, अनेकार्थमंजरी और अनेकार्थनाममाला।