मदनलाल पाहवा वाक्य
उच्चारण: [ mednelaal paahevaa ]
उदाहरण वाक्य
- मदनलाल पाहवा पकड़े गये (और यदि दिल्ली पुलिस और मुम्बई पुलिस में बराबर तालमेल और खुफ़िया सूचनाओं का लेनदेन होता तो उसी दिन इनके षडयन्त्र का भंडाफ़ोड़ हो गया होता) ।
- इसके बाद 20 जनवरी, 1948 को मदनलाल पाहवा ने गांधीजी पर, प्रार्थनागसभा में, बम फेंका और 30 जनवरी, 1948 के दिन नाथूराम गोडसे ने गांधीजी की हत्या कर दी।
- और अन्त में बचे पाँच अभियुक्तों में से तीन-गोपाल गोडसे, मदनलाल पाहवा और विष्णु रामकृष्ण करकरे को आजीवन कारावास हुआ तथा दो-नाथूराम गोडसे व नारायण आप्टे को फाँसी दे दी गयी।
- ये दोनों, दिगम्बर बड़गे (जिसे पिस्तौल चलाना आता था), मदनलाल पाहवा (जो पंजाब का एक शरणार्थी था) और विष्णु करकरे (जो अहमदनगर में एक होटल व्यवसायी था), के सम्पर्क में आये।
- बहुत ही कम लोगों को ज्ञात होगा कि ' गंधासुर-वध ' हेतु हुतात्मा पंडित नथुराम गोडसे जी, आप्टे जी, विष्णु करकरे, मदनलाल पाहवा, गोपाल जी गोडसे आदि ने मोहनदास करमचन्द गाज़ी पर 20 जनवरी को भी एक बम फेंका था बिरला हॉउस में ।
- इस दृष्टि से यदि विचार किया जाये तो मदनलाल पाहवा को इस बात के लिये पुरस्कृत किया जाना चाहिये था ना कि दण्डित क्योंकि उसने तो हत्या-काण्ड से दस दिन पूर्व उसी स्थान पर बम फोडकर सरकार को सचेत किया था कि गान्धी, जिन्हें बडी शृद्धा से नेहरू जी बापू कहते थे, अब सुरक्षित नहीं;
- मदनलाल पाहवा (अंग्रेजी: Madan Lal Pahwa, पंजाबी: ਮਦਨ ਲ ਾ ਲ ਪ ਾ ਹਵ ਾ, तमिल: மதன ் ல ா ல ் பக ் வ ா) हिन्दू महासभा के एक कार्यकर्ता थे जिन्होंने नई दिल्ली स्थित बिरला हाउस में गान्धी-वध की तिथि से दस दिन पूर्व २ ० जनवरी १ ९ ४ ८ को उनकी प्रार्थना सभा में हथगोला फेंका था।