मरुद्गण वाक्य
उच्चारण: [ merudegan ]
उदाहरण वाक्य
- भगवान हिरण्यगर्भ इन्द्र प्रजापति मरुद्गण वसु रुद्र सूर्य तारे ग्रह गन्धर्व यक्ष और दैत्य आदि समस्त देव योनियां मनुष्य पश पर्वत समुद्र नदी वृक्ष सम्पूर्ण भूत तथा प्रधान से लेकर विशेष पर्यन्त उन भूतों के कारण तथा चेतन अचेतन एक पैर दो पैर और अनेक पैर वाले जीव तथा बिना पैर वाले प्राणी ये सब भगवान विष्णु के त्रिविध भावनात्मक मूर्तरूप है।