मसौढी वाक्य
उच्चारण: [ mesaudhi ]
उदाहरण वाक्य
- बलुरियाह और घौदहा दोनों तरह के ताड़ के पेडों पर लबनी टंग जाती है और पासी सबेरे शाम ताड़ से ताडी उतारने का क्रम शुरू कर देता है. मौसम जैसे जैसे तपता है ताडी की मात्रा और मादकता बढती जाती है.अगर आप पटना से गया बरास्ता मसौढी, जहानाबाद या फिर फतुहा हिलसा इस्लामपुर, नवादा बिहारशरीफ किधर को भी निकल जाएँ, ताडी के मतवालों की भीड़ ताड़ पेड़ के इर्द गिर्द बाग़ बगीचों में बैठी मिल जायेगी.उस समूह में आप बिअत्हें तो दीं दुनिया जहान की बातें ये ताडी प्रेमी करते मिलेंगें.