महर्षि चरक वाक्य
उच्चारण: [ mhersi cherk ]
उदाहरण वाक्य
- महर्षि चरक के अनुसार ब्राह्मी मानस रोगों की अचूक एवं गुणकारी औषधि है।
- जिसे कि महर्षि चरक ने कहा है कि-निविर्कारः परस्त्वात्मा सत्वभूत गुणेण्दि्रयैः ।
- महर्षि चरक के अनुसार “ च्यवनप्राश ” सभी रसायनों में श्रेष्ठ रसायन है।
- महर्षि चरक एवं चरक संहिता-22 यवागू कल्पना एवं उसके गुण गतांक से आगे.............
- जारी है....................... महर्षि चरक एवं चरक संहिता-११-मूत्र एवं मूत्र गुण गतांक से आगे....
- महर्षि चरक तुलसी के गुणों का वर्णन करते हुए लिखते हैं-हिक्काकासविषश्वास पार्श्वशूलविनाशनः ।
- महर्षि चरक ने भी शतावरी को चिर यौवन को बरकार रखने वाला माना है।
- जारी है................. महर्षि चरक एवं चरक संहिता-१६-औषध एवं वैद्य कैसा हो? गतांक से आगे..................
- महर्षि चरक ने अपनी पुस्तक चरक संहिता में आरोग्यता के तीन मूलक बताए है।
- महर्षि चरक के शिष्य, वागभट्ट के ग्रन्थ के मुख्या सूत्र-खाने पीने से सम्बंधित