महाराष्ट्री वाक्य
उच्चारण: [ mhaaraasetri ]
उदाहरण वाक्य
- आगे चलकर महाराष्ट्री के जैन कवि पादलिप्त ने अपनी “तरंगवती कथा” की भाषा को, जो वस्तुत:
- मध्ययुगीन भाषाएँ हैं-मागधी, अर्धमागधी, शौरसेनी, पैशाची भाषा, महाराष्ट्री और अपभ्रंश ।
- दंडी ने अपने काव्यादर्श नामक अलंकार शास्त्र में महाराष्ट्री को सेतुबंधादि काव्यों की भाषा कहा है:
- परंतु महाराष्ट्री शब्द इससे पूर्व ग्रंथ भर में अथवा अन्य कहीं व्याकरण में आया ही नहीं है।
- परंतु महाराष्ट्री शब्द इससे पूर्व ग्रंथ भर में अथवा अन्य कहीं व्याकरण में आया ही नहीं है।
- परंपरागत महाराष्ट्री वेशभूषा में दोनों पतिपत्नी रोजाना अपने ढाबे के बाहर ग्राहकों के इन्तेज़ार में खड़े रहते थे.
- वे हैं, मागधाी, अर्ध्दमागधाी, महाराष्ट्री और शौरसेनी, इनको हम दूसरी प्राकृत कह सकते हैं।
- द्वितीय स्तर की भाषाओं में मागधी, अद्र्धमागधी, शौरसेनी एवं महाराष्ट्री प्राकृत भाषाएँ है जिनका विपुल साहित्य उपलब्ध है।
- सब कह रहे थे पहले अपनी मातृभाषा में बात करते थे पर आज सब महाराष्ट्री भाषा ही बोलते हैं।
- परंपरागत महाराष्ट्री वेशभूषा में दोनों पतिपत्नी रोजाना अपने ढाबे के बाहर ग्राहकों के इन्तेज़ार में खड़े रहते थे.