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मृगावती वाक्य

उच्चारण: [ merigaaaveti ]

उदाहरण वाक्य

  1. उषा लागि अनिरुधा बर बाँधा इन पद्यों में जायसी के पहले के चार काव्यों का उल्लेख है मुग्धावती, मृगावती, मधुमालती और प्रेमावती।
  2. सहस्त्रानीक ने उत्सुक होकर अल्मुषा का पता पूछा, इंद्र ने बताया कि अल्मुषा ने अयोध्या के राजा कृतवर्मा की पुत्री मृगावती के रूप में जन्म लिया है.
  3. जिस क्रम से ये नाम आए हैं वह यदि रचनाकाल के क्रम के अनुसार माना जाय तो मधुमालती की रचना कुतबन की मृगावती के पीछे ठहरती है।
  4. इन्होंने ९ ० ९ हिज़री (सन १ ४ ९ ५-९ ६) में मृगावती की रचना की जो कि इस काव्य परंपरा का पहला प्रसिद्ध काव्य है।
  5. इसके आलावा प्रेमाख्यानक परम्परा के अगुआ कवियों ने ' मधुमालती ', ' चंदायन ' और ' मृगावती ' के रूप में एक अलग प्रेम कथा की शुरुआत देखी जा सकती है.
  6. अत: इनका समय विक्रम सोलहवीं शताब्दी का मध्यभाग (सन् 1493) था. इन्होंने ‘ मृगावती ' नाम की एक कहानी चौपाई दोहे के क्रम से सन् 909 हिजरी सन् 1500 ई.
  7. इस तथ्य पर भी गंभीरता से विचार नहीं किया गया कि चन्दायन [1379 ई 0] और क़ुतुबनकृत ' मृगावती ' [1503 ई 0] के बीच लगभग 124 वर्षों क अन्तराल क्यों है।
  8. मधुमालती, मृगावती पोथी दोय उचार इसके उपरांत दक्षिण के शायर नसरती ने भी (संवत् 1700) ' मधुमालती ' के आधार पर दक्खिनी उर्दू में ' गुलशने इश्क ' नाम से एक प्रेम कहानी लिखी।
  9. इन्होंने मृगावती नाम की एक कहानी ' चौपाई', 'दोहे' के क्रम से सन् 909 हिजरी (संवत् 1558) में लिखी जिसमें चंद्रनगर के राजा गणपतिदेव के राजकुमार और कंचनपुर के राजा रूपमुरारि की कन्या मृगावती की प्रेमकथा का वर्णन है।
  10. इन्होंने मृगावती नाम की एक कहानी ' चौपाई', 'दोहे' के क्रम से सन् 909 हिजरी (संवत् 1558) में लिखी जिसमें चंद्रनगर के राजा गणपतिदेव के राजकुमार और कंचनपुर के राजा रूपमुरारि की कन्या मृगावती की प्रेमकथा का वर्णन है।
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