मेरे हमसफर वाक्य
उच्चारण: [ mer hemsefr ]
उदाहरण वाक्य
- अच्छा नहीं मुझे बेवफा न समझो, ये अच्छा नहीं सच तो आयेगा सामने, छुप सकता नहीं मुझे बेवफा न समझो.....माना के हमसे कोई, ख़ता हुई होगी,ज़रा सी चोट से कोई, मर सकता नहीं मुझे बेवफा न समझो.....तुम मेरे हमसफर हो, मेरा भी तो हक़ है,तुमको मैं छेड़ दूँ, तो कुछ घटता...
- बहुत पास थे, रास्ते मुड़ के देखा कदम दो मिलाते तो मँजिल ही होती कई खौफ थे जिनसे डरते रहे हम नकाबों,लिबासों में मरते रहे हम बड़े सपने आँखों मे बसते गये थे बही आज फिर भय सजाने लगी हैं ये तन्हाईयाँ भी डराने लगी हैं मेरे हमसफर दो कदम साथ हो लें ।
- लोगों का शक दूर हुआ “ काश जिन्दगी में तुम मेरे हमसफर होते तो जिन्दगी इस तरह गुजर जाती जैसे फूलों पर से नीमसहर का झोका ” और फिर 23 मई 1947 में कैफी आज़मी की शादी शौकत आजमी के साथ सम्पन्न हुई कैफ़ी एक बेटी मुन्नी और एक बेटा बाबा आजमी के वालिद बने।
- जीवन समिधा आज फिर तुम्हें देखकर खयाल आया कि हमारे बीच ये कैसा नाता है जिसे तोड़ना मुनासिब नहीं इस लंबे सफर में मेरे हमकदम-हम ज़रूर कुछ देर रुक जातें है किसी मकाम पर मगर फिर निकल पड़ते हैं अगले पड़ाव को … इक दूसरे के सहारे बिना हम क्या करेंगे मेरे हमसफर, मेरे हमइनाँ [...]
- ओ मेरे हमसफर ओ हमदम मेरे मेरी आँखों में देख तस्वीर अपनी जो बन चुकी है अब तकदीर मेरी बह चली मै अब बहती हवाओं में उड़ रही हूँ हवाओं में संग तुम्हारे इस से पहले कि रुख हवाओं का न बदल जाये कहीं थाम लो मुझे कहीं ऐसा न हो शाख से टूटे हुये पत्ते सी भटकती रहूँ दर बदर मै जन्म जन्म के साथी बन के मेरे ले लो मुझे आगोश में तुम अपने ओ मेरे हमसफर ओ हमदम मेरे
- ओ मेरे हमसफर ओ हमदम मेरे मेरी आँखों में देख तस्वीर अपनी जो बन चुकी है अब तकदीर मेरी बह चली मै अब बहती हवाओं में उड़ रही हूँ हवाओं में संग तुम्हारे इस से पहले कि रुख हवाओं का न बदल जाये कहीं थाम लो मुझे कहीं ऐसा न हो शाख से टूटे हुये पत्ते सी भटकती रहूँ दर बदर मै जन्म जन्म के साथी बन के मेरे ले लो मुझे आगोश में तुम अपने ओ मेरे हमसफर ओ हमदम मेरे
- ओ पी नैयर के संगीतबद्ध जिन गीतों को गीता दत्त ने अमर बना दिया उनमें कुछ है, सुन सुन सुन जालिमा, बाबूजी धीरे चलना, ये लो मै हारी पिया, मोहब्बत कर लो जी भर लो, (आरपार-1954), ठंडी हवा काली घटा, जाने कहां मेरा जिगर गया जी, (मिस्टर एंड मिसेज 55-1955), आंखो हीं आंखो मे इशारा हो गया, जाता कहां है दीवाने (सीआईडी-1956), मेरा नाम चिन चिन चु (हावड़ा ब्रिज-1958), तुम जो हुये मेरे हमसफर (12ओ क्लाक-1958), जैसे न भूलने वाले गीत शामिल है।
- उदाहरण के तौर पर देव आनन्द की फिल्म “ नौ दो ग्यारह ” के गीत “ हम हैं राही प्यार के … ” और शम्मी कपूर, शर्मिला टैगोर पर फिल्म “ कश्मीर के कली ” “ सुबहान अल्लाह हसीं चेहरा … ” और जितेन्द्र शर्मिला टैगोर पर फिल्माया गया फिल्म “ मेरे हमसफर ” का शीर्षक गीत “ किसी राह पे किसी मोड पर कहीं चल न देना तू छोड कर मेरे हमसफर ” जिन्दगी की भागती रफ्तार के साथ युवाओं के प्रेम में डूबे होने का बखूबी चित्रण करता है।
- उदाहरण के तौर पर देव आनन्द की फिल्म “ नौ दो ग्यारह ” के गीत “ हम हैं राही प्यार के … ” और शम्मी कपूर, शर्मिला टैगोर पर फिल्म “ कश्मीर के कली ” “ सुबहान अल्लाह हसीं चेहरा … ” और जितेन्द्र शर्मिला टैगोर पर फिल्माया गया फिल्म “ मेरे हमसफर ” का शीर्षक गीत “ किसी राह पे किसी मोड पर कहीं चल न देना तू छोड कर मेरे हमसफर ” जिन्दगी की भागती रफ्तार के साथ युवाओं के प्रेम में डूबे होने का बखूबी चित्रण करता है।