मैनहन वाक्य
उच्चारण: [ mainhen ]
उदाहरण वाक्य
- इस सन्दर्भ में मैनहन की निवासी श्रीमती शिव कुमारी देवी मिश्रा बताती है, कि उनके मायके में यदि सारस कभी गांव के ऊपर से होकर गुजर जाती थी, तो घर की बुजर्ग महिलाएं मिटटी की देयरी फोड़ती थी, ताकि आने वाला संकट टल जाए।
- -श्यामलाल गुप्त पार्षद जी का प्रिय गीत भारत के प्रत्येक नागरिक के मुहं से कभी न कभी स्फ़ुटित हुआ होगा, और यह गीत मुझे याद दिला जाता है मैनहन की उस झंड़े वाली जगह की! जहां झंड़े जैसी कोई चीज़ मैने कभी नही देखी ।
- उत्तर भारत के एक गाँव की कहानी जो मैनहन विलेज ब्लाग के माध्यम से आप सभी के समक्ष रखने की कोशिश…परंपरा, इतिहास, धर्म, किबदन्तियां, ग्रामीण कहावते, कृषि, पारंपरिक ज्ञान, वनस्पतियां और जीव-जन्तु सभी का सिज़रा पेश करता है-मैनहन विलेज, जिसके बारे में हिन्दुस्तान दैनिक ने कुछ यूँ लिखा है!
- उत्तर भारत के एक गाँव की कहानी जो मैनहन विलेज ब्लाग के माध्यम से आप सभी के समक्ष रखने की कोशिश…परंपरा, इतिहास, धर्म, किबदन्तियां, ग्रामीण कहावते, कृषि, पारंपरिक ज्ञान, वनस्पतियां और जीव-जन्तु सभी का सिज़रा पेश करता है-मैनहन विलेज, जिसके बारे में हिन्दुस्तान दैनिक ने कुछ यूँ लिखा है!
- उत्तर भारत के एक गाँव की कहानी जो मैनहन विलेज ब्लाग के माध्यम से आप सभी के समक्ष रखने की कोशिश…परंपरा, इतिहास, धर्म, किबदन्तियां, ग्रामीण कहावते, कृषि, पारंपरिक ज्ञान, वनस्पतियां और जीव-जन्तु सभी का सिज़रा पेश करता है-मैनहन विलेज, जिसके बारे में हिन्दुस्तान दैनिक ने कुछ यूँ लिखा है!
- उत्तर भारत के एक गाँव की कहानी जो मैनहन विलेज ब्लाग के माध्यम से आप सभी के समक्ष रखने की कोशिश…परंपरा, इतिहास, धर्म, किबदन्तियां, ग्रामीण कहावते, कृषि, पारंपरिक ज्ञान, वनस्पतियां और जीव-जन्तु सभी का सिज़रा पेश करता है-मैनहन विलेज, जिसके बारे में हिन्दुस्तान दैनिक ने कुछ यूँ लिखा है!
- इसके अलावा मैनहन गांव के पश्चिम में एक ककरहिया तलिया (छोटा ताल) भी है ककरहा का शाब्दिक अर्थ मैं ठीक से नही जान पाया सिवाय इसके कि कंकड़ वाली भूमि में जलाशय होने की वजह से इसे ककरहा कहते? हों क्योंकि तलाब के तल में कंकड मौजूद है ।
- अगली पोस्ट में मैं आप को ले चलूंगा मैनहन के उस जंगल में जहां १ ८ ५ ७ को अग्रेजं अफ़सर, महिलायें व बच्चे रखे गये थे भयानक जंगली महौल में और उनकी खानाबदोशी का हाल, फ़िर कैसे बैलगाड़ियों से और बेड़िया डालकर उन्हे लखनऊ रवाना किया गया …………………..
- कहाँ तो तय था चराग़ाँ हर एक घर के लिये कहाँ चराग़ मयस्सर नहीं शहर के लिये क १७ तारीख यानी दीपावली भारत भूमि का एक महत्व पूर्ण त्योहार, इस बार अम्मा ने तय किया कि यह त्योहार हम अपने गांव मैनहन में मनायेगे, वजह साफ़ थी कि पूर्वजों की धरती पर उनके...
- कहाँ तो तय था चराग़ाँ हर एक घर के लिये कहाँ चराग़ मयस्सर नहीं शहर के लिये क १७ तारीख यानी दीपावली भारत भूमि का एक महत्व पूर्ण त्योहार, इस बार अम्मा ने तय किया कि यह त्योहार हम अपने गांव मैनहन में मनायेगे, वजह साफ़ थी कि पूर्वजों की धरती पर उनके