मोहम्मद मुस्तफा वाक्य
उच्चारण: [ mohemmed musetfaa ]
उदाहरण वाक्य
- सहायक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मोहम्मद मुस्तफा के नेतृत्व में कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उसने हाईकोर्ट के आदेश लागू नहीं किया, तो वे अवमानना याचिका दायर कर सकते हैं।
- गैंगस्टर अबू सलेम तथा अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी मोहम्मद मुस्तफा दौसा के बीच शनिवार को यहां आर्थर रोड जेल में झगड़े के बाद दोनों को अलग-अलग जेलों में भेज दिया गया है।
- (2) कल्कि अवतार का जमाना और पैदाइश की जगह और उनके माँ-बाप से संबंधित पुराण मे जो हकीकतें दर्ज है, वो सिर्फ हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्ललाहो अलैहि वसल्लम ही के बाबत सही साबित होते हैं ।
- हमारे नबी का नाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहे व सल्लम है, जो पीर के दिन, सुबह सादिक़ के वक्त (12) बारह रबीउल अव्वल, बमुताबिक़ बीस(20) अप्रैल 571 ईसवी, मुल्क अरब के शहर मक्का शरीफ़ में पैदा हुए।
- आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन सत्यजीत ठाकुर को झांसी का मंडलायुक्त बनाया गया, जबकि वहां तैनात रहे मोहम्मद मुस्तफा को ठाकुर के तबादले से खाली हुए पद पर भेजा [...]
- राष्टरीय मजदूर कांग्रेस इंटक के राष्टï्रीय सचिव व मध्य प्रदेश के प्रभारी की सहमति एवं टीकमगढ़ विधायक यादवेंद्र सिंह की अनुशंसा पर इंटक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष परशुराम प्रभाकर द्वारा मोहम्मद मुस्तफा को टीकमगढ़ शहर को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
- लखनऊ, सऊदी अरब में पैगम्बर हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल लाहो अलैहि वस्सल्लम की बेटी शहजादी फातिमा और चार इमामों के मजारों के जीर्णोदार की मांग को लेकर शनिवार को शियों उलेमा और कई शिया संगठनों ने अलग-अलग विरोध प्रदर्शन किया।
- प्रतिनियुक्ति चाहने वालों में मुख्य सचिव अनूप मिश्र के अलावा पंचम तल के ताकतवर नौकरशाह रवीन्द्र सिंह, जेएन चौम्बर, प्रदीप शुक्ला, आरपी सिंह, अनिल संत, सुशील कुमार, मोहम्मद मुस्तफा और कई आईपीएस आफिसर भी हैं।
- मत भूलना हजरत उमर फारुख के उसूल याद करके साहबा उस्मान के रसूल हजरत मोहम्मद मुस्तफा करते थे जिसतरह-एक बार माफ़ करके देखो हर किसी कि भूल शिकवे-गिले भुलाना सब के काम ईद का दो मादरे-वतन को तुम पयाम ईद का ।
- रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे व सल्लम ने इरशाद फ़रमाया के इस्लाम की बुनियाद पाँच चीज़ों पर है-इस बात की शहादत देना की अल्लाह तआला के सिवा कोई मअबूद नहीं और (हजरत) मोहम्मद मुस्तफा (सल्लल्लाहो अलैहे व सल्लम) उसके ख़ास बंदे और रसूल हैं।