ये इश्क नहीं आसां वाक्य
उच्चारण: [ y ishek nhin aasaan ]
उदाहरण वाक्य
- हमारे मन के इस केमिकल लोचे के बारे में एक शायर कहता है-ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजे, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है।
- वो कहते हैं न ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजे इक आग का दरिया है और डूब कर जाना है बस मुझे ये फोटो मेल पर इतना पसंद आया कि मैंने सोचा क्यूं न ब्लाग पर डाल दिया जा
- वो कहते हैं न ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजे इक आग का दरिया है और डूब कर जाना है बस मुझे ये फोटो मेल पर इतना पसंद आया कि मैंने सोचा क्यूं न ब्लाग पर डाल दिया जा...
- ' ये इश्क नहीं आसां, बस इतना समझ लीजै, इक आग का दरिया है, और डूब के जाना है ' को तुम गालिब का शेर बता बैठे थे जबकि ये जिगर मुरादाबादी का निकला, जिन पर मेरा दांव था।
- ग़ालिब ने यूँ ही नहीं कहा था ये इश्क नहीं आसां एक आग का दरिया है और डूब के जाना है आप सब सोच रहे होंगे कि ये प्यार की कहानी वो भी वेलेन्टाइन डे पर आपकी प्यार की डिफेनेसन से मैच नहीं करता.
- ये इश्क नहीं आसां इतना ही समज लिजे ईक आगका दरिया है और डूबके जाना है॥) तु सनम चाह कर भी कभी हमें न भूल पायेगी तु सनम ढूंढ लो सारे जहांमें, हमसा न पायेगी तु सनम॥ रोनेसे नहीं कुछ हांसिल, आंखोकीभी है बरबादी फिरभी इस तरह्से कितना रूलायेगी तु सनम?
- गालिब के चर्चित शेर-' ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजै, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है ' से उन्होंने अपने बहुचर्चित उपन्यास ' आग का दरिया ' शीर्षक लिया तो एक पारंपरिक लोकगीत से ' अगले जनम मोहे बिटिया न कीज्यौ ' शीर्षक लिया।
- अंजाम-ए-मुहब्बत क्या होगा, जब दिल ही हम यूं लगा बैठे अब आगे न जाने क्या होगा, हम ऐसी नादानी कर बैठे क्या बात है वीना जी आपके शेर में किसी ने खूब कहा है,वीना जी:-ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजे, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है
- कह नहीं सकता कि वह मेरे बारे में क्या सोच रही थी लेकिन मुझे वह भी मेरे ही भावों में डूबी हुई लगी थी, अब कुछ भी हो, ये इश्क है मेरी जान और इश्क के मारे को सब कुछ गुलाबी ही दिखता है लेकिन ग़ालिब ये इश्क नहीं आसां, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है।
- राजेश जी वासना और प्रेम में अंतर है, और आप्नसे सही कहा है की कई बार वासना ही प्रेम के रूप में दीखता है, पर फिर भी प्रेम अगर सच्चा हो तो उसमे सब बाधाओं को पार करने की शक्ति है, वैसे भी इश्क आसान नहीं है, शायद ग़ालिब ने कहा है की ये इश्क नहीं आसां इतना तो समझ लीजे, एक आग का दरिया है और डूब के जाना है, बिना आगे के दरिया के पार किये ……..