योगेंद्र आहूजा वाक्य
उच्चारण: [ yogaenedr aahujaa ]
उदाहरण वाक्य
- मुझे प्रसन्नता है कि योगेंद्र आहूजा इसके लिए कहानी आंदोलन की जरूरत महसूस करते हुए लिखते हैं कि ‘‘ऐसा कोई आंदोलन शुरू होता है, तो उसका सबसे जरूरी हिस्सा होगा उन बौद्धिक, वैचारिक, अवधारणापरक बहसों को पुनर्जीवित कर पाना, जिनकी हिंदी में बहुत मजबूत रवायत रही है।
- पुरस्कृत लेखक योगेंद्र आहूजा ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि कोई लेखक कोरे कागज़ का सामना करते हुए वाक्य बनाकर व विराम चिन्हों का प्रयोग कर आकांक्षाओं व भावनाओं को उकेरता है परंतु वर्तमान समय में शब्द की सत्ता पर बाहरी व भीतरी दोनों खतरे बढ़ रहे हैं।
- मुझे प्रसन्नता है कि योगेंद्र आहूजा इसके लिए कहानी आंदोलन की जरूरत महसूस करते हुए लिखते हैं कि ‘‘ ऐसा कोई आंदोलन शुरू होता है, तो उसका सबसे जरूरी हिस्सा होगा उन बौद्धिक, वैचारिक, अवधारणापरक बहसों को पुनर्जीवित कर पाना, जिनकी हिंदी में बहुत मजबूत रवायत रही है।
- ज्ञातव्य है कि वर्ष २ ०० ९ के लिए कथाकार श्री योगेंद्र आहूजा (दिल्ली) को उनकी कथा संग्रह “ अँधेरे में हँसी ” के लिए विजय वर्मा कथा सम्मान और ग़ज़लकार श्री आलोक श्रीवास्तव को उनकी ग़ज़ल संग्रह “ आमीन ” के लिए हेमंत स्मृति कविता सम्मान से सम्मानित किया गया।
- उदाहरण के लिए, काशीनाथ सिंह की कहानी ‘ महुआचरित ' में महुआ के प्रति, राजेश जोशी की कहानी ‘ गाइबबाज ' में कप्पू के प्रति, शिवमूर्ति की कहानी ‘ ख्वाजा, ओ मेरे पीर! ' में बूढ़े मामा-मामी के प्रति, सारा राय की कहानी ‘ अपराध ' में बड़ी मम्मी के प्रति, योगेंद्र आहूजा की कहानी ‘
- इसके विपरीत योगेंद्र आहूजा का विचार है कि “कई बार कंटेंट की कमी को भाषा से ढँकने की कोशिश भी की जाती है। ' ' लेकिन कुणाल सिंह पुनः भाषा पर जोर देते हुए कहते हैं कि ‘‘भाषा अपने-आप में कंटेंट है।” शायद भाषा और शिल्प पर इतना जोर देने के कारण ही ये लेखक स्वयं को प्रगतिशील और जनवादी लेखकों की परंपरा का नहीं, बल्कि निर्मल वर्मा, मनोहर श्याम जोशी और उदय प्रकाश की परंपरा में रखकर देखते हैं।