रघुवंशम् वाक्य
उच्चारण: [ reghuvenshem ]
उदाहरण वाक्य
- चित्र भूषण श्रीवास्तव समस्त १९ सर्ग लगभग ४०० पृष्ठ लगभग १७०० श्लोक हेतु उन्हें प्रकाशक चाहिये! रघुवंशम् से अंश इस तरह है शासन हर वर्ष कालिदास समारोह के नाम पर करोंडों रूपये व्यय कर रहा है!
- इसी प्रकार भर्तृहरि ‘ शतकत्रयम् ' व ‘ रघुवंशम् ' में कहा गया है ;-' मनो यद्यस्ति तीर्थन् किम् ॥ ' (भर्तृ 0-2 / 55) (रघु 0-1 / 85) कहा गया है कि वह स्थान तीर्थ है जो किसी पावन नदी के किनारे स्थित हो।
- पर यदि काव्यानुवाद शंलोकशः भावानुवाद हो तो वह आनंद यथावत बना रहता है, और प्रो सी बी श्रीवास्तव विदग्ध जी ने यही कर दिखाया है. प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव जी ने श्रीमद्भगवत गीता, रघुवंशम्, मेघदूतम् जैसी महान रचनाओ का श्लोकशः हिन्दी भाव पद्यानुवाद का महान कार्य करके काव्य की उसी मूल भावना तथा सौंदर्य के आनंद के साथ हमारे सांस्कृतिक ज्ञान, व प्राचीन साहित्य को हिन्दी जानने वाले पाठको के लिये सुलभ करा दिया है.