रश्त वाक्य
उच्चारण: [ reshet ]
उदाहरण वाक्य
- रश्त नगर में वर्षा बहुत होती है इसका कारण कैस्पियन सागर से निकटता तथा इस सागर के पूर्वोत्तर से दक्षिण-पश्चिम की ओर बहने वाली हवा है इसलिए रश्त की गिनती ईरान के अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में होती है।
- रश्त के कुछ प्राचीन घर वास्तुकला, चित्रकला, और प्लास्टर के काम की दृष्टि से बहुत मूल्यवान हैं और इन घरों में बहुत ही मूल्यवान अवशेष हैं इसलिए सांस्कृतिक धरोहर के रूप में इन्हें पंजीकृत किया गया है।
- उन्नीसवीं शताब्दी के आरंभ में गीलान की यात्रा करने वाले जर्मन पर्यटक टेरज़ेल अपने यात्रा वृत्तांत में रश्त के घरों के बारे में इस प्रकार वर्णन करते हैः रश्त के घर ईंट के बने हैं जिनकी छतें नरियों-खपड़ों की हैं।
- उन्नीसवीं शताब्दी के आरंभ में गीलान की यात्रा करने वाले जर्मन पर्यटक टेरज़ेल अपने यात्रा वृत्तांत में रश्त के घरों के बारे में इस प्रकार वर्णन करते हैः रश्त के घर ईंट के बने हैं जिनकी छतें नरियों-खपड़ों की हैं।
- ऐसा शहर जिसका इतिहास … रविवार, 13 जनवरी 2013 13:59 अदभुत वास्तुकला का नमूना मासूले नगर गीलान प्रांत के केन्द्र रश्त से 55 किलोमीटर की दूरी पर फ़ूमन नगर से गुज़रने और 35 किलोमीटर घने जंगलों, धान के खेतों व प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पहाड़ी क्षेत्रों …
- बंदर अंज़ली कैस्पियन सागर के … शनिवार, 01 दिसम्बर 2012 15:24 रश्त नगर की ऐतिहासिक धरोहरें उत्तरी ईरान के गीलान प्रांत के केंद्रीय नगर रश्त के ऐतिहासिक अवशेषों में से एक सुलैमान दाराब नामक क़ब्रस्तान में स्थित प्रसिद्ध स्वतंत्रताप्रेमी मीरज़ा कूचक ख़ान जंगली का मज़ार है …
- बंदर अंज़ली कैस्पियन सागर के … शनिवार, 01 दिसम्बर 2012 15:24 रश्त नगर की ऐतिहासिक धरोहरें उत्तरी ईरान के गीलान प्रांत के केंद्रीय नगर रश्त के ऐतिहासिक अवशेषों में से एक सुलैमान दाराब नामक क़ब्रस्तान में स्थित प्रसिद्ध स्वतंत्रताप्रेमी मीरज़ा कूचक ख़ान जंगली का मज़ार है …
- गीलान प्रांत के केन्द्र रश्त से 55 किलोमीटर की दूरी पर फ़ूमन नगर से गुज़रने और 35 किलोमीटर घने जंगलों, धान के खेतों व प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पहाड़ी क्षेत्रों को तय करने के बाद मासूले नामक स्थान पर पहुचते हैं जो अपनी पारंपरिक वास्तुकला का अद्भुत दृष्य प्रस्तुत करता है।
- इस्लामी काल में सफ़वी शासन काल तक रश्त नगर में बहुत विकास नहीं हुआ था किन्तु शाह अब्बास द्वितीय के समय से क़ाजारी शासन के अंत तक रश्त बहुत बड़ा व्यापारिक केन्द्र रहा और इस नगर में रुकने वाले कारवां इस नगर द्वारा भूमध्यसागर के तटवर्ती देशों को अपनी वस्तुएं भेजते थे।
- इस्लामी काल में सफ़वी शासन काल तक रश्त नगर में बहुत विकास नहीं हुआ था किन्तु शाह अब्बास द्वितीय के समय से क़ाजारी शासन के अंत तक रश्त बहुत बड़ा व्यापारिक केन्द्र रहा और इस नगर में रुकने वाले कारवां इस नगर द्वारा भूमध्यसागर के तटवर्ती देशों को अपनी वस्तुएं भेजते थे।