राजिन्दर सिंह वाक्य
उच्चारण: [ raajinedr sinh ]
उदाहरण वाक्य
- राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने पर भारतीय खेल प्राधिकरण केन्द्रीय केन्द्र के प्रभारी निदेशक श्री आर. के. नायडू, उप निदेशक श्री राजिन्दर सिंह, केन्द्र प्रभारी श्री शाहनवाज खान एवं अन्य साई के अधिकारियों एवं प्रशिक्षकों ने स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।
- ठोस कथा (नारायण सन्याल), प्रभावी कथानक (बिमल दत्ता) और बहुत ही प्रभावशाली संवादों (राजिन्दर सिंह बेदी) से सजी इस फिल्म में जो थोड़ा बहुत खटकता है वह है सत्यप्रिय के बीमार होने के बाद ठेकेदार लाडिया (तरुण बोस) के चरित्र का पलटा खाना।
- इसके अलावा इस अंक में अन्य भारतीय भाषाओं और विदेशी भाषाओं की पांच कालजयी प्रेम कहानियों को प्रकाशित किया गया है, जिनमें चंद्रधर शर्मा गुलेरी, फणीश्वरनाथ रेणु, मन्नू भंडारी, जयशंकर प्रसाद, इस्मत चुगताई, राजिन्दर सिंह बेदी, वैकम मुहम्मद बशीर, चेखव, मार्केस आदि प्रमुख हैं ।
- संगोष्ठी में पर्यावरणविद विजय पाल बघेल के अलावा विश्वधर्मसंसद के शेख हाजी मोहम्मद इरशाद, पेड़ पंचायत के अध्यक्ष डा. एसएन मिश्र, पर्यावरणविद राजिन्दर सिंह, पर्यावरण सचेतक समिति के राम नाथ गुटगुटिया, गंगा एक्शन परिवार के विनीत कुमार, नन्दिनी त्रिपाठी तथा परमार्थ निकेतन के प्रतिनिधि श्री राम महेश मिश्र आदि मौजूद थे।
- अदालत राजिन्दर सिंह राजा की शिकायत पर सुनवाई कर रही थी जो शिवसेना हिन्दुस्तान के महासचिव हैं जिन्होंने आरोप लगाया कि पत्रिका के अप्रैल २ ० १ ३ के अंक में धोनी को भगवान विष्णु के रूप में दिखाया गया था और इसका टाइटल था गॉड ऑफ बिग डील्स और उनके हाथ में एक जूता सहित विभिन्न कम्पनियों के उत्पाद थे।
- संत राजिन्दर सिंह जी एक बार एक गांव का मुखिया महात्मा बुद्ध के पास आया और पूछने लगा, 'क्या बुद्ध सभी जीवों के प्रति करुणा भाव रखते हैं?' बुद्ध ने कहा, 'हां।' मुखिया ने पूछा, 'क्या बुद्ध अपनी संपूर्ण शिक्षा कुछ ही लोगों को देते हैं?' उसे तरीके से समझाने के लिए महात्मा बुद्ध ने कहा, 'मान लो, एक किसान के पास तीन अलग-अलग खेत हैं।
- पृथ्वी का नमक राजू भाई डॉट कॉम लालबहादुर का इंजन शह और मात राज गिल शरणार्थी राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह कानों में कँगना राजा शिवप्रसाद सितारे-हिंद राजा भोज का सपना राजिन्दर सिंह बेदी लाजवन्ती राजी सेठ उसका आकाश (ई-पुस्तक) किसका इतिहास तुम भी बाहरी लोग यहीं तक यात्रा-मुक्त राजू शर्मा कहानीकार राजेंद्र दानी इस सदी के अंत में एक सपना(ई-पुस्तक) राजेंद्र यादव अभिमन्यु की आत्महत्या राधाकृष्ण उसकी कहानी पागल राधावल्लभ त्रिपाठी जड़ें धूर्तोपाख्यान साधु और गणिका की कथा रामकुमार चेरी के पेड़ रामचंद्र शुक्ल ग्यारह वर्ष का समय रामदरश मिश्र सड़क रामलाल एक शहरी
- प्रख्यात लेखक राजिन्दर सिंह बेदी द्वारा रचा गया उपरोक्त्त वचन ब्रिटिश राज से नये नये स्वाधीन हुये भारत की सच्चाई पर कसा गया वह व्यंग्य बाण है जिसे अपने अस्तित्व पर सहन करने के बाद भारत नामक लोकतांत्रिक देश को शर्मिंदा होकर चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिये था परंतु भारत और इसके लोगों ने अपनी चमड़ी गेंडे की खाल से भी मोटी कर ली और भ्रष्टाचार को अपना मुख्य धर्म बना लिया और ऐसे परिवेश में इने-गिने ईमानदार लोगों की हत्यायें होती चली गयीं और यत्र-तत्र-सर्वत्र, भ्रष्टाचार का ही वास हो गया।
- प्रख्यात लेखक राजिन्दर सिंह बेदी द्वारा रचा गया उपरोक्त्त वचन ब्रिटिश राज से नये नये स्वाधीन हुये भारत की सच्चाई पर कसा गया वह व्यंग्य बाण है जिसे अपने अस्तित्व पर सहन करने के बाद भारत नामक लोकतांत्रिक देश को शर्मिंदा होकर चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिये था परंतु भारत और इसके लोगों ने अपनी चमड़ी गेंडे की खाल से भी मोटी कर ली और भ्रष्टाचार को अपना मुख्य धर्म बना लिया और ऐसे परिवेश में इने-गिने ईमानदार लोगों की हत्यायें होती चली गयीं और यत्र-तत्र-सर्वत्र, भ्रष्टाचार का ही वास हो गया।
- प्रख्यात लेखक राजिन्दर सिंह बेदी द्वारा रचा गया उपरोक्त्त वचन ब्रिटिश राज से नये नये स्वाधीन हुये भारत की सच्चाई पर कसा गया वह व्यंग्य बाण है जिसे अपने अस्तित्व पर सहन करने के बाद भारत नामक लोकतांत्रिक देश को शर्मिंदा होकर चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिये था परंतु भारत और इसके लोगों ने अपनी चमड़ी गेंडे की खाल से भी मोटी कर ली और भ्रष्टाचार को अपना मुख्य धर्म बना लिया और ऐसे परिवेश में इने-गिने ईमानदार लोगों की हत्यायें होती चली गयीं और यत्र-तत्र-सर्वत्र, भ्रष्टाचार का ही वास हो गया।