रूपगोस्वामी वाक्य
उच्चारण: [ rupegaosevaami ]
उदाहरण वाक्य
- गौड़ीय सम्प्रदाय के प्रतिष्ठित आचार्य रूपगोस्वामी [18] कृत ‘ हरिभक्तिरसामृतसिन्धु ' में काव्य शास्त्रीय दृष्टि से भक्ति रस का विस्तार एक सुनिश्चित व्यवस्था के साथ किया गया है।
- उड़ीसा के सूर्यवंशी सम्राट गजपति महाराज प्रताप रुद्रदेव तो चैतन् य को अवतार तक मानकर उनके चरणों में लोट गया जबकि बंगाल के एक शासक का मंत्री रूपगोस्वामी तो पद त्यागकर उनके शरणागत हो गया।