लीला मिश्रा वाक्य
उच्चारण: [ lilaa misheraa ]
उदाहरण वाक्य
- ‘ शोले ' में धर्मेन्द्र पानी की टंकी पर चढ़कर जिन को जेल में ‘ चक्की पीसींग एंड पीसींग एंड पीसींग ' कराने की धमकी देते हैं, उन ‘ मौसी ' लीला मिश्रा को कौन भूल सकता है?
- पैरोडी में शोले के उस सीन की नकल की गई है, जिसमें जय (अमिताभ बच्चन) अपने दोस्त वीरू (धर्मेंद) और बसंती (हेमा मालिनी) की शादी के लिए मौसी (लीला मिश्रा) से बात करने जाता है।
- उनकी बतौर नायिका आई एक मात्र फ़िल्म ‘ गंगावतरण ' को छोड़ दें तो लीला मिश्रा हिन्दी सिनेमा की शायद एक मात्र अभिनेत्री होंगी जिन्होंडने अपनी युवानी में ही अपने से उम्र में ब्ड़े अभिनेता-अभिनेत्रियों की माता, चाची या मौसी की भूमिकाएँ की!
- १ ९ ८ ७ में ‘ माधुरी ' में इसाक मुजावर की लिखी उनकी जीवन-कथा के अंशों से पता चलता है कि लीला मिश्रा के अभिनय जीवन में भी (निरुपा राय की तरह) पति के एक्टिंग के शौक ने बड़ी भूमिका निभाई थी।
- संजीव कुमार (मिर्जा सज्जाद अली), सईद जाफरी (मीर रोशन अली), अमजद खान (वाजिद अली शाह), रिचर्ड एटनबरो (जनलरल ओटरम), शबाना आजमी (खुर्शीद), फरीदा जलाल (नफीसा), वीना (आलिया बेगम, रानी मां), डेविड अब्राहम (मुंशी नंदलाल), विक्टर बनर्जी (अली नकी खान, प्रधानमंत्री), फारुख शेख (आकील), टाम आल्टर (केप्टन वेस्टन), लीला मिश्रा (हिरिया), बेरी जान (डा.
- रवि किशन ने कहा कि नजीर हुसैन, विनाथ शाहाबादी, रामायण तिवारी, भगवना सिन्हा, लीला मिश्रा, कुंदन कुमार, असिम कुमार, कुमकुम, चित्रगुप्त, मोहन प्रसाद और सुजीत कुमार का भोजपुरी सिनेमा के प्रति यह समर्पण रहा कि आज लाखों लोग भोजपुरी फिल्मों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं।
- घर में किया गया जबरन कब्जा प्रशासन मौन विजय शंकर तिवारी / बिच्छू डॉट कॉम अनूपपुर (डीएनएन) । एस. ई.स ी. एल जमुना कोतमा क्षेत्र के अन्र्तगत जमूना कालोनी में पिछले 50 साल से निवासरत महिला लीला मिश्रा और उसके पिता द्वारा एस. ई.स ी. एल की जमीन में बनाए गए घर पर अनिल मिश्रा ने जबरन कब्जा कर लिया है।
- घर में किया गया जबरन कब्जा प्रशासन मौन विजय शं कर तिवारी / बिच्छू डॉट कॉम अनूपपुर (डीएनएन) । एस. ई.स ी. एल जमुना कोतमा क्षेत्र के अन्र्तगत जमूना कालोनी में पिछले 50 साल से निवासरत महिला लीला मिश्रा और उसके पिता द्वारा एस. ई.स ी. एल की जमीन में बनाए गए घर पर अनिल मिश्रा ने जबरन कब्जा कर लिया है।
- यह सच है कि नजीर हुसैन, रामायण तिवारी, लीला मिश्रा, शैलेंद्र, चित्रगुप् त, असीम कुमार और कुमकुम के फिल् म कैरियर की शुरुआत हिंदी फिल् मों से हुई थी और वहां अपनी अपनी सीमाओं में उनकी सुदृढ़ व् यावसायिक पहचान भी बनी हुई थी, बावजूद इसके यह भी उतना ही बड़ा सच है कि इन् हें सम् मान और सफलता की जो ऊंचाई भोजपुरी फिल् मों से मिली, वह हिंदी फिल् मों से बढ़चढ़ कर ही रही।