लॉर्ड डलहौजी वाक्य
उच्चारण: [ lored delhauji ]
उदाहरण वाक्य
- [184] 1852 में लॉर्ड डलहौजी द्वारा एक लोक निर्माण विभाग बनाया गया और उसके बाद 1855 में सुगम नौपरिवहन के प्रयोजन से एक पूर्वी तट नहर का निर्माण किया गया.
- रंगकर्मी महेश नायक ने फिल्म के एक विशेष पहलू की ओर ध्यान दिलाया कि सत्यजीत राय के अनुरोध पर हॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्देशक रिचर्ड एटनबरो ने फिल्म में लॉर्ड डलहौजी की भूमिका निभाई थी।
- रंगकर्मी महेश नायक ने फिल्म के एक विशेष पहलू की ओर ध्यान दिलाया कि सत्यजित राय के अनुरोध पर हॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्देशक रिचर्ड एटनबरो ने फिल्म में लॉर्ड डलहौजी की भूमिका निभाई थी।
- 9 मेट्रो स्टेशन रहे बंद राजीव चौक, रेसकोर्स, प्रगति मैदान, मंडी हाउस, उद्योग भवन, बाराखंबा रोड, पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय और खान मार्केट इन मागरे पर नहीं चले वाहन जनपथ, मानसिंह रोड, रफी मार्ग, लॉर्ड डलहौजी मार्ग।
- 30 मार्च को दलीप सिंह ने लाहौर में आखिरी बार अपना दरबार कर पंजाब अंग्रेजों के हवाले करने के दस्तावेज पर दस्तखत कर दिये, जिसके लिये लॉर्ड डलहौजी को ब्रितानी संसद की तरफ से साधुवाद और बधाइयों का पुलिंदा हासिल हुआ।
- लॉर्ड डलहौजी की राज्य हड़पने की नाति, डाक्ट्रिन औफ़ लैप्स के अन्तर्गत अनेक राज्य जैसे झाँसी, अवध, सतारा, नागपुर और संबलपुर को अंग्रेजी़ राज्य में मिला लिया गया और इनके उत्तराधिकारी राजा से अंग्रेजी़ राज्य से पेंशन पाने वाले कर्मचारी बन गये।
- लॉर्ड डलहौजी की राज्य हड़पने की नाति, डाक्ट्रिन औफ़ लैप्स के अन्तर्गत अनेक राज्य जैसे झाँसी, अवध, सतारा, नागपुर और संबलपुर को अंग्रेजी़ राज्य में मिला लिया गया और इनके उत्तराधिकारी राजा से अंग्रेजी़ राज्य से पेंशन पाने वाले कर्मचारी बन गये।
- लॉर्ड डलहौजी की राज्य हड़पने की नाति, डाक्ट्रिन औफ़ लैप्स के अन्तर्गत अनेक राज्य जैसे झाँसी, अवध, सतारा, नागपुर और संबलपुर को अंग्रेजी़ राज्य में मिला लिया गया और इनके उत्तराधिकारी राजा से अंग्रेजी़ राज्य से पेंशन पाने वाले कर्मचारी बन गये।
- भारत में ब्रिटिश काल के दौरान पहली इलेक्ट्रिकल टेलीग्राफ लाइन डायमंड हार्बर और कोलकाता के बीच 5 नवम्बर 1850 को प्रायोगिक तौर पर शुरू की गई थी, जब शिबचंद्र नंदी का डायमंड हार्बर से भेजा गया संदेश गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी की मौजूदगी में पढ़ा गया था।
- डलहौजी समुद्र तल से 6000-9000 फीट की ऊँचाई पर धौलाधार के पाँच पहाड़ों के बीच स्थित एक खूबसूरत हिल-स्टेशन है जिसे सन् 1854 में भारत में तत्कालीन ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड डलहौजी ने अपनी सेना और अफसरों की खातिर गर्मी के दिनों के लिए एक आरामगाह के रूप में बसाया था।