लोध्र वाक्य
उच्चारण: [ lodher ]
उदाहरण वाक्य
- बेलगिरी, मोथा, इन्द्रायव, पठानी लोध्र, मोचरस और धाय के फूल के बराबर भाग का चूर्ण सेवन करने से पेचिश और दर्द में जल्दी आराम आता है।
- लोध्र, वचा और धनिया, तीनों को पीसकर थोडे़ से दूध में मिलाकर लेप बना लें और कील-मुंहासों इत्यादि पर लगाएं, इसे कम से कम आधा घंटा लगाकर धो लें।
- बरगद की छाल के काढ़े में 3 से 5 ग्राम लोध्र की लुगदी और थोड़ा सा शहद मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करने से गर्भपात में जल्द ही लाभ होता है।
- (12) प्रसव के समय योनि में क्षत (घाव या छिलन) होने पर लोध्र का महीन पिसा चूर्ण शहद में मिलाकर योनि के अन्दर लगाने से क्षत ठीक होते हैं।
- घर में लोबान, गुगुल, राल, पीली सरसों, राई-देवदारू, कूठ, प्रियंगु, अगर-तगर, लोध्र, नागरमोथा आदि सामग्री को उपले पर रखकर जलाएं।
- लोध्र की छाल, धनिये का पाऊडर और वच को बराबर मात्रा में मिलाकर पानी के साथ पीसकर लेप बनाकर सुबह नहाने से पहले और रात को सोने से पहले चेहरे पर लगा लें।
- 25-25 ग्राम की मात्रा में असगंध, बिधारा, लोध्र पठानी, को कूट-पीस छानकर 5-5 ग्राम कच्चे दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से प्रदर में आराम मिलता है।
- गर्भवती के सातवें और आठवें माह में गर्भपात की आशंका हो या लक्षण दिखाई पड़ें तो लोध्र और पीपल का महीन पिसा चूर्ण 1-1 ग्राम मिलाकर शहद के साथ चाटने पर लाभ होता है।
- मसूड़ों का रोग: मसूढ़े पिलपिले हों, उनसे रक्त निकलता हो तो लोध्र का काढ़ा बनाकर, इस काढ़े से सुबह-शाम कुल्ला करने से मसूढ़े ठीक हो जाते हैं और रक्त निकलना बंद हो जाता है।
- 100 ग्राम अशोक की छाल और बबूल की छाल, 50-50 ग्राम लोध्र की छाल और नीम के सूखे पत्ते को जौकूट (पीस) करें और चौगुने पानी में गर्म कर लें।