विधानपालिका वाक्य
उच्चारण: [ vidhaanepaalikaa ]
उदाहरण वाक्य
- विरोधियों के विरुद्ध लाँछनात्मक अभियान चलाए जाते है और कई बार हत्या तक कर दी जाती है, विधानपालिका के अधिकारक्षेत्र का प्रयोग वोटिंग संख्या या राजनीतिक जिला सीमाओं को नियंत्रण करने के लिए और मीडिया का दुरूपयोग करने के लिए किया जाता है
- उन्होंने आगे कहा कि भारतीय शासन प्रणाली के तीन अंगों, विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में से विधानपालिका और कार्यपालिका बहुत बार अपनी जि़म्मेदारी निभाने में असफल रहे हैं पर न्यायपालिका ने कभी कोताही नहीं की, बल्कि इसने कई बार आम लोगों की और आम जनता की परेशानियों को हल करने में मदद की है।
- Nav Bharat Times, 17 March 2005: लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को गुस्सा क्यों आया? शायद इसीलिए कि वे विधानपालिका की प्रतिष्ठा के सबसे बड़े रक्षक हैं | उन्हें लगा कि झारखंड के बारे में उच्चतम न्यायालय ने जो आदेश जारी किया है, वह संसद और विधानसभा के काम-काज में सीधा हस्तक्षेप है |
- दल-बदल या केंद्र-राज्य विवाद के कारण होते हैं | यदि पॉंच साल की स्थायी अवधि हमारी विधानपालिका को मिल गई तो राज्यपालों की तिकड़मों पर काफी हद तक लगाम लग जाएगी | केंद्र का सत्तारूढ़ दल राज्यों के विरोधी दलों की विधानसभाओं को भंग करके राज्यों की जनता का जो नुक्सान करता है, उससे बाज़ आएगा |
- मेरा प्रश्न यहाँ ये बनता है की ' कारपोरेट सेक्टर, मीडिया, और ऊपर अंतराष्टिये और गेर सरकारी सगठन ' आदि जो ये गिनवा रहे है क्या ये संसद के अधीन नही आती विधानपालिका, न्यायपालिका, कार्येपलिका सविधान का भाग हैं जिस पर भारत का पूरा सविधान टिका है सारी कानून और व्यवस्ता आदि इसी से संभलती है...
- Nav Bharat Times, 17 March 2005: लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को गुस्सा क्यों आया? शायद इसीलिए कि वे विधानपालिका की प्रतिष्ठा के सबसे बड़े रक्षक हैं | उन्हें लगा कि झारखंड के बारे में उच्चतम न्यायालय ने जो आदेश जारी किया है, वह संसद और विधानसभा के काम-काज में सीधा हस्तक्षेप है | लक्ष्मण-रेखा का उल्लंघन [...]
- वास्तव में यह सांसद-राशि हमारे दो संवैधानिक सिद्घांतों का उल्लंघन करती है | एक तो यह स्थानीय निकायों का हक मारकर संघीय सिद्घांत को हाशिए में डालती है और दूसरा, यह विधानपालिका को कार्यपालिका के अधिकार देकर मालिक को नौकर बना देती है | जिन सांसदों और विधायकों का काम सरकार को अपने काबू में रखना है, वे स्वयं सरकार का हिस्सा बन जाते हैं |
- अब अगर आधार समझ आ जाता है तो अधिरचना जिसकी प्रमुख संस्थाएं कार्यपालिका, विधानपालिका, न्यायपालिका, धर्म, दर्शन आदि अगर “ इन्स्टीट्यूशनज़ ” नहीं तो और क्या हैं? और जहाँ तक इन “ इन्स्टीट्यूशनज़ ” जो कि ऐतिहासिक रूप से पूंजीवाद के पक्ष में खड़े और विकसित हुए हैं का मजदूर वर्ग के पक्ष में खडा होने का सम्बन्ध है, वे इस बात का कोई खुलासा नहीं करते, और कहते हैं कि ;
- देश के चारों स्तंभ विधानपालिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका और मीडिया को समझने और देखने की कोशिश करें तो प्रधानमंत्री से लेकर चपरासी तक, सर्वोच्च न्यायालय के चीफ से लेकर क्लर्क तक, सचिव से लेकर डी. एम. और सी. एम. तक कौन लोग थे और हैं? आज जन्म से लेकर मरण तक, कुंडली से लेकर कर्मकाण्ड तक पूजा, धर्म, समाज, आडंबर जैसे आवरण से लेकर के जीवन को जीने और समाज को चलाने वाले व्यवस्था पर किन लोगों का अधिपत्य है?