वृंदावन लाल वर्मा वाक्य
उच्चारण: [ verinedaaven laal vermaa ]
उदाहरण वाक्य
- (पता है-प्रचारक ग्रंथावाली परियोजना, हिंदी प्रचारक संस्थान, पो. बा. 1106 पिशाच मोचन, वाराणसी-221010) हिंदी प्रचारक संस्थान ने भारतेंन्दु समग्र, देवकीनन्दन खत्री समग्र, शरतचंद्र समग्र, वृंदावन लाल वर्मा समग्र, प्रताप चंद्र समग्र, शेक्सपीयर समग्र जैसे कई समग्र प्रकाशित किए हैं।
- टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश) में मधुकर पत्र का बुंदेली राज्य अंक निकालकर पंडित बनारसी दास चतुर्वेदी ने इस आंदोलन को एक नई दिशा दी थी, जिसका नेतृत्व 1960 में बाबू वृंदावन लाल वर्मा, पंडित ब्रजकिशोर पटेरिया, तत्कालीन विधायक डालचंद जैन एवं तत्कालीन मंत्री नरेंद्र सिंह जूदेव ने किया.
- अचानक वृंदावन लाल वर्मा जी की कुछ पंक्तियाँ याद आ गईं-“ नारी का गौरव, सौन्दर्य, महत्त्व स्थिरता में है, जैसे उस नदी का जो बरसा के मटमैले, तेज़ प्रवाह के बाद शरद ऋतु में नीले जल वाली मंथर गतिमानिनी हो जाती है-दूर से बिल्कुल स्थिर, बहुत पास से प्रगतिशालिनी ”
- वर्ष 1968 में मध्य प्रदेश के तत्कालीन मंत्री नरेन्द्र सिंह जूदेव की अध्यक्षता एवं साहित्यकार डां वृंदावन लाल वर्मा की पहल पर पूर्व मंत्री बृज किशोर पटैरिया के संयोजन में सागर में सम्मेलन हुआ था और इसके बाद 1989 में शंकरलाल मल्होत्रा ने नौगांव छावनी में बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की थी और तभी से बुन्देलखंड राज्य के लिए विधिवत आन्दोलन शुरू हुआ था।
- माधुरी से जुड़ने मिश्रा बंधु, बद्रीनाथ भटट, गोविंद बल् लभ पंत, सुमित्रानंदन पंत, निराला, मुकुट बिहारी वर्मा, इलाचंद्र जोशी, भगवती प्रसाद वाजपेयी, चर्तुभुज शास् त्री, बांके बिहारी भटनागर, अमृत लाल नागर लखनऊ आए थे और यहां ‘ सुधा ' से भी जुड़े रहे।इनके अलावा भगवती चरण वर्मा, वृंदावन लाल वर्मा, मैथिली शरण गुप् त, सियाराम शरण, रायकृष् ण दास, जगन् नाथ दास रत् नाकर, लखनऊ आते रहते थे व माधुरी से इनका नजदीकी रिश् ता बरकरार रहा।