शंकर्स वीकली वाक्य
उच्चारण: [ shenkers vikeli ]
उदाहरण वाक्य
- २८ अगस्त १९४९ को शंकर्स वीकली में छपे एक कार्टून को लेकर डॉ अंबेडकर के नाम पर वोट की भीख मांगने वालों...
- १ ९ ४ २ में शंकर ने द हिंदुस्तान टाईम्स की नौकरी छोड़ अपनी तरह के पहली और अनोखी पत्रिका शंकर्स वीकली की शुरुआत की।
- शंकर्स वीकली राजनितिक कार्टूनों पर आधारित एक साप्ताहिक पत्रिका थी जो बहुत लोकप्रिय हुई और कई कार्टूनिस्टों के लिए सीखने व कार्य करने का माध्यम बनी।
- शंकर्स वीकली विशुद्ध भारतीय राजनैतिक कार्टूनों पर आधारित साप्ताहिक पत्रिका थी जिसमें भारतभर के कार्टूनिस्टों के नेताओं और सरकार के क्रिया-कलापों पर तीखे कार्टून होते थे।
- शंकर्स वीकली राजनितिक कार्टूनों पर आधारित एक साप्ताहिक पत्रिका थी जो बहुत लोकप्रिय हुई और कई कार्टूनिस्टों के लिए सीखने व कार्य करने का माध्यम बनी।
- ‘ सरिता ', ‘ मुक्ता ' और ‘ साप्ताहिक हिंदुस्तान ' में उप-संपादक रहा। ‘ शंकर्स वीकली ' और ‘ नवनीत ' में सहायक संपादक रहा।
- कार्टून वाच ने शंकर्स वीकली के बंद होने के बाद उपजे शून्य को समाप्त किया और आज यह पत्रिका सम्पूर्ण भारत के कार्टूनिस्टों का मुख-पत्र बन गई है।
- उसी शंकर्स वीकली का पहला अंक जारी करते हुए नेहरू ने अपना मशहूर वाक्य कहा था-Don ' t Spare Me Shankar (शंकर मुझे भी मत बख्शना) ।
- शंकर्स वीकली में भारत के कई जाने-माने कार्टूनिस्टों के राजनैतिक और सामाजिक कार्टून प्रकाशित होते थे जिनमें रंगा, कुट्टी, बाल ठाकरे और काक-कार्टूनिस्ट जैसे अनेक कार्टूनिस्टों के कार्टून शामिल होते थे।
- उसके बाद पिछले माह संसद में शंकर के जिस कार्टून को लेकर सांसदों ने जो बिना बात का बतंगड़ बनाया वह वास्तव में 1949 में ' शंकर्स वीकली ' में छपा था।