शिशुपाल वध वाक्य
उच्चारण: [ shishupaal vedh ]
उदाहरण वाक्य
- इस अर्थ में समाधि का प्रयोग कुवलयानन्द, मृच्छकटिकम, भतृüहरि, रघुवंश, शिशुपाल वध आदि ग्रंथों में दिखता है।
- लगातार निन्यानवें बार भी उसकी अभद्र शब्दावली जारी रहती है, तो श्रीकृष्ण का सुदर्शन चक्र चल पड़ता है शिशुपाल वध के लिए।
- माघ के विषय में यह उक्ति प्रसिद्ध है कि शिशुपाल वध का नवाँ सर्ग समाप्त होने पर कोई नया शब्द शेष नहीं बचता है।
- ' उत्तरार्द्ध ' में जरासंध से युद्ध, द्वारकापुरी का निर्माण, रुक्मिणी हरण, श्रीकृष्ण का गृहस्थ धर्म, शिशुपाल वध आदि का वर्णन है।
- शिशुपाल वध महाकाव्य में उसकी लेखनी द्वारा संस्कृत के तीन महाकवियों की भाषा और शैली गत तीनों विशेषताएँ एक ही स्थान पर निहित दिखाई देती हैं:
- माघ के ' शिशुपाल वध ' महाकाव्य में यादवों के जलविहार का सजीव वर्णन मिलता है-संक्षेप में सभी अपनी अपनी पत्नियों के साथ तालाब में उतरे।
- (जो हर क्षण नवीन लगे वही रमणीयता का रूप है)-शिशुपाल वध आर्थिक समस्याएँ सदा ही केवल परिवर्तन के परिणाम स्वरूप पैदा होती हैं ।
- जैसे शिशुपाल वध के समय श्रीकृष्ण द्वारा अभूतपूर्व रूप धारण करना, जैसे जब वे कौरवों के पास संधि प्रस्ताव लेकर गए थे तब उनका वह अलौलिक रूप पुनः धारण करना..
- इसमें कहीं-कहीं जो अश्लीलता दोष बताया जाता है वह थोड़ा बहुत वैसा ही है जैसा ' कुमारसंभव ', नैषधचरित ', ' शिशुपाल वध ' या ' किरातार्जुंनीय ' में।
- जैसे शिशुपाल वध के समय श्रीकृष्ण द्वारा अभूतपूर्व रूप धारण करना, जैसे जब वे कौरवों के पास संधि प्रस्ताव लेकर गए थे तब उनका वह अलौलिक रूप पुनः धारण करना..