शैवागम वाक्य
उच्चारण: [ shaivaagam ]
उदाहरण वाक्य
- इसके अन्तर्गत अठाविस शैवागम (२८) आते हैं: वातुलागम,परमेश्वरागम श्रुति इसलिये कहे जाते हैं क्योंकि वीरशैव का मानना है कि इन शैवागम को परमात्मा शिव ने रेणुकाचार्यादि पंचाचार्य को सुनाया था, जब वे गहरे ध्यान में थे।
- इसके अन्तर्गत अठाविस शैवागम (२८) आते हैं: वातुलागम,परमेश्वरागम श्रुति इसलिये कहे जाते हैं क्योंकि वीरशैव का मानना है कि इन शैवागम को परमात्मा शिव ने रेणुकाचार्यादि पंचाचार्य को सुनाया था, जब वे गहरे ध्यान में थे।
- यस्मात् प्रजज्ञिरे देवास्तं शम्भुं प्रणमाम्यहम् ॥ (शैवागम) ' जिन भगवान शम्भु से ब्रह्मा, विष्णु, महेश, देव, दानव, राक्षस आदि उत्पन्न हुए तथा जिनसे सभी देवों की उत्पत्ति भी हुई, ऐसे प्रभु को मैं प्रणाम करता हूँ।
- सर्वब्रह्मवाद, निस्पंद एवं निष्क्रिय परम शिव की पंचकृत्यकारिता, सर्वचिन्मयवाद, सामरस्यवाद, शक्तिवाद, शक्तिपातवाद, पिण्डब्रह्माण्डेक्यवाद, नाद-बिन्दुवाद, अधिकारवाद, लीलावाद, रसवाद तथा काश्मीरी शैवागम एवं शास्त्र दर्शन में मान्य ज्ञान-भक्ति-योग समन्वयवाद एवं ज्ञानोत्तरा भक्ति आदि की पृष्ठभूमि में हम संतों के निर्गुण भक्ति-साहित्य के निम्न बिन्दुओं की व्याख्या करने में समर्थ सिद्ध हो सकते हैं ः