श्री क्षत्रिय युवक संघ वाक्य
उच्चारण: [ sheri kesteriy yuvek sengh ]
उदाहरण वाक्य
- क्षत्रिय युवकों में क्षत्रियोचित स्वाभाविक गुणों को बलवान बनाना, अपनी इच्छाओं, आकांक्षाओं, और अरमानों को समाज की इच्छाओं, आकांक्षाओं और अरमानों में निमज्जित कर समाज चरित्र का निर्माण कर निष्काम भाव से समाज और राष्ट्र के नियमित एक संगठित शक्ति के उपार्जन हेतु सच्चे स्वयंसेवक तैयार करना ही श्री क्षत्रिय युवक संघ का कर्म है।
- श्री तन सिंह जी ने इतिहास का अध्ययन किया, उन्ही के शब्दों में-यह वर्ष मेरे लिए अविस्मरणिय रहेगा क्योंकि इसी वर्ष मैंने इतिहास पढने की चेष्टा की, उसके तोल-जोख ने वर्तमान की परीक्षा की और परिणाम स्वरूप भविष्य की कल्पना में “ कौम की कुटिया ” शीर्षक लेख भी लिखा | स्व. श्री तन सिंह जी के इन्ही पांचो गद्यों को एक साथ संकलित कर श्री क्षत्रिय युवक संघ द्वारा होनहार के खेल नामक पुस्तक प्रकाशित की गयी
- राजस्थान के राजपूत इतिहास के प्राचीन संगठन श्री क्षत्रिय युवक संघ की स्थापना २२ दिसम्बर १९४६ को जयपुर राजस्थान में हुई | राजस्थान में मारवाड़ में उपजे मोती साधारणता में असाधारणता के धनी, साहित्यकार, लेखक, सांसद, विधायक, कुशल व्यवसायी पूज्य श्री तन सिंह जी द्वारा रोपित यह पौधा वर्तमान में विशाल वटवृक्ष के रूप में राजस्थान, गुजरात, महारास्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश में २०० से अधिक प्रान्तों के साथ व ३ लाख से अधिक सदस्य परिवार के साथ राजपूत युवाओ में संस्कार निर्माण का कार्य कर रहा है |