सब कुछ सीखा हमने वाक्य
उच्चारण: [ seb kuchh sikhaa hemn ]
उदाहरण वाक्य
- लॉयलटी टेस्ट सब कुछ सीखा हमने ना सीखी होशियारी...सच है दुनियावालों कि हम हैं आनाड़ी....आजकल दुनियादारों के बीच तो पता ही नहीं चलता कि कौन 'अनाड़ी' है और कौन 'खिलाड़ी'-जिसकी लॉयलटी पर शक किया जा रहा है वो या जो शक कर रहा है वो.
- शैलेन्द्र का गीत ‘ सब कुछ सीखा हमने, ना सीखी होशियारी ' (अनाड़ी) उनके जीवन पर भी सटीक बैठता हैं जीवन के अंतिम दिनों मे जब वे तीसरी कसम बना रहे थे तब वे ऐसे भवंर में फंसे कि उससे कभी निकल न सके।
- अनाड़ी (1959) फिल्म का गीत “ सब कुछ सीखा हमने ” और आनंद (1971) फिल्म के दो गीत “ मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने, सपने सुरीले सपने ” तथा “ कहीं दूर जब दिन ढल जाएँ ” ।
- 1958 में फिल्म ‘ यहूदी ' के गाने ‘ ये मेरा दिवानापन है ' के लिए, 1959 में अनाड़ी फिल्म के गाने ‘ सब कुछ सीखा हमने ' के लिए और 1968 में फिल्म ‘ ब्रम्हचारी ' के गीत ‘ मैं गांऊ तुम सो जाओ ' के लिए।
- सब कुछ सीखा हमने ना सीखी होशियारी सच है दुनिया वालों हम है अनाड़ी २ हम उस देश के वासी है जिस देश में गंगा बहती है ३ ये कौन चित्र कार है ४ भूली हुई यादों मुझे इतना ना सतायो अब चैन से रहने दो मेरे पास ना आओ
- इस फ़िल्म को उस साल फ़िल्मफ़ेयर में कई पुरस्कार मिले, जैसे कि सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (राज कपूर), सर्वश्रेष्ठ गीतकार (शैलेन्द्र-सब कुछ सीखा हमने), सर्वश्रेष्ठ संगीतकार (शकर जयकिशन), सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक (मुकेश-सब कुछ सीखा हमने), सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री (ललिता पवार) ।
- इस फ़िल्म को उस साल फ़िल्मफ़ेयर में कई पुरस्कार मिले, जैसे कि सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (राज कपूर), सर्वश्रेष्ठ गीतकार (शैलेन्द्र-सब कुछ सीखा हमने), सर्वश्रेष्ठ संगीतकार (शकर जयकिशन), सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक (मुकेश-सब कुछ सीखा हमने), सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री (ललिता पवार) ।
- स् व. म ुकेश को वर्ष 1959 की फिल्म अनाड़ी के गीत सब कुछ सीखा हमने, न सीखी होशियारी, वर्ष 1970 में पहचान फिल्म का गीत ' वो परी कहां से लाऊं ', वर्ष 1972 में फिल्म बेईमान का गीत ' जय बोले बेईमान की ' के लिए क्रमश: पहला, दूसरा व तीसरा फिल्म फेयर पुरस्कार मिला।
- इस फ़िल्म का हर एक गीत हिट है, चाहे आज का प्रस्तुत गीत हो या फिर “ सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी ”, “ वो चाँद खिला वो तारे हँसे ”, “ जीना इसी का नाम है ”, “ बन के पंछी गाएँ प्यार का तराना ”, या फिर “ तेरा जाना दिल के अरमानों का लुट जाना ” ।
- काल मुस्कुरा दिया क्यूंकि उस सत्य का पता था-लोहे में जंग लग गयी और लकड़ी का बुरादा बन गया! फिर मानव को अधिक बुद्धि दी तो लकड़ी पर पॉलिश कर अथवा स्वयं केन बना ; और लोहे पर रंग लगा, अथवा स्टेनलेस स्टील बनवा बढवा दी उनकी शक्ति और उम्र उसने,,, किन्तु सब कुछ सिखा मृत्यु पर विजय नहीं सिखाई मानव को उसने! कवि ने कहा, “ सब कुछ सीखा हमने / न सीखी होशियारी ”!