सभ्यताओं का संघर्ष वाक्य
उच्चारण: [ sebheytaaon kaa senghers ]
उदाहरण वाक्य
- तो क्या दुनिया को पीटकर भी, सभ्यताओं का संघर्ष दिखाकर भी और एटम बम पटक कर भी अमेरिका ने बराक ' हुसैन ' ओबामा को चुनकर अपनी पीठ ठोकी है और दुनिया को अपने तरीके से अंगूठा दिखाया है?
- पाकिस्तान के चर्च पर हुए बर्बर व मानवता को शर्मशार करने वाले इस्लामिक आतंकवादियों के हमले और केन्या के नेरोबी शहर के एक प्रसिद्ध मॉल पर हुए इस्लामिक आतंकवादी हमले के बाद भी सभ्यताओं का संघर्ष सिद्धांत को क्या खारिज किया जा सकता है?
- समीर अमीन के विचार से “ सभ्यताओं का संघर्ष ” वास्तव में समाजवाद और पूँजीवाद के बीच का संघर्ष है और यह संघर्ष ‘ परिधि ' के अधीनस्थ देशों में ही नहीं, बल्कि ‘ केंद्र ' के प्रभुत्वशाली देशों में भी लगातार चल रहा है।
- नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री व नालंदा विवि के चांसलर प्रो अमर्त्य सेन व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक ही मंच से अपने-अपने अंदाज में क्लैश ऑफ सिविलाइजेशंस (सभ्यताओं का संघर्ष) के चर्चित सिद्धांत के विरुद्ध डायलॉग ऑफ सिविलाइजेशंस (सभ्यताओं का संवाद) के पक्ष में जोरदार आवाज उठायी.
- हमारे इस विचारशिथिल वक्त में बने बनाये आकर्षक विचारों की कोई कमी नहीं-इतिहास का अंत, विचार का अंत, परिवार, चेतना, स्मृति, आकांक्षाओंश और मानवीय संबंध यानी जीवन में जो कुछ भी मूल्यवान था, सबका अंत-और लेखक की मृत्यु और सभ्यताओं का संघर्ष ।
- राजनाथ सिंह ने कहा गांधीजी ने हिंदू स्वराज में सभ्यताओं के बीच संवाद की बात कही थी लेकिन महात्मा गांधी के स्वयंभू उत्तराधिकारी यानी कांग्रेस के लोग तो इस देश में ही आपसी वैमनस्य खड़ा करने में लगे हैं तो विश्व में उनके नेतृत्व में भारत सभ्यताओं का संघर्ष कैसे समाप्त करा सकता है।
- विगत शताब्दी के उत्तरार्ध से ही पूंजीवादी साम्राज्यवाद ने इस मुखौटे कि जगह कोई और विकल्प अजमाने कि राह खोजनी शुरूं कर दी थी दुनिया के दुर्भाग्य से और शैतान की करामात से उसे ' सभ्यताओं का संघर्ष ' मिल गया इसी दौरान उन्हें नव्य-उदारवादी चेहरे के पीछे अपनी पैशाचिक पहचान छिपाने की सूझी.
- हंटिंगटन ने यह पुस्तक उस दौर में लिखी जब यह प्रश्न जिज्ञासा और आशंका के मिले-जुले स्वर में पुछा जा रहा था कि क्या आने वाले समय में सभ्यताओं का संघर्ष वैश्विक राजनीति के केन्द्र में होगा? अपनी पुस्तक के ज़रिये उन्होंने इस सवाल का जवाब देने के अलावा सभ्यताओं के संघर्ष के बीच वैश्विक शान्ति और सहअस्तित्व कायम रखने के रास्ते भी बताए।
- हंटिंगटन ने यह पुस्तक उस दौर में लिखी जब यह प्रश्न जिज्ञासा और आशंका के मिले-जुले स्वर में पुछा जा रहा था कि क्या आने वाले समय में सभ्यताओं का संघर्ष वैश्विक राजनीति के केन्द्र में होगा? अपनी पुस्तक के ज़रिये उन्होंने इस सवाल का जवाब देने के अलावा सभ्यताओं के संघर्ष के बीच वैश्विक शान्ति और सहअस्तित्व कायम रखने के रास्ते भी बताए।
- हंटिंगटन ने यह पुस्तक उस दौर में लिखी जब यह प्रश्न जिज्ञासा और आशंका के मिले-जुले स्वर में पुछा जा रहा था कि क्या आने वाले समय में सभ्यताओं का संघर्ष वैश्विक राजनीति के केन्द्र में होगा? अपनी पुस्तक के ज़रिये उन्होंने इस सवाल का जवाब देने के अलावा सभ्यताओं के संघर्ष के बीच वैश्विक शान्ति और सहअस्तित्व कायम रखने के रास्ते भी बताए।