समाज-विज्ञान वाक्य
उच्चारण: [ semaaj-vijenyaan ]
उदाहरण वाक्य
- कॉर्पोरेट-अनुदान से चलने वाले फाउंडेशन समाज-विज्ञान और कला के सबसे बड़े धनदाता हैं जो ' विकास अध्ययन', 'समुदाय अध्ययन', 'सांस्कृतिक अध्ययन', 'व्यवहारसंबंधी अध्ययन' और 'मानव अधिकार' जैसे पाठ्यक्रमों के लिए अनुदान और छात्रवृत्तियां प्रदान करते हैं।
- उनकी कल्पना गरुड़ की तरह उड़ान भरकर ज्ञान के उस विशाल मैदान (अब तक अज्ञात) में पहुंच का झंडा गाड़ आती है, जिसके बारे में शेष समाज-विज्ञान अभी अटकल-पच्चीसी से ही काम चला रहा होता है।
- मैं हवा में हाथ टटोलता हूं कि सुचित्रा के कहे की सरसराहट है, या अप्रकट हुए दीनानाथ मास् टर हैं, कुम् हलायी आवाज़ में समाज-विज्ञान का कोई छूटा सबक फिर याद करा रहे हैं.
- सिगतुना के बाद दक्षिणी स्वीडन के मुल्श्वे नामक स्थान में हाकिनसास (' गरुड़-नासा ') की संस्था में जा पहुँचा, जहाँ मेरे पुराने परिचित मार्टिन आलवुड समाज-विज्ञान के एक शोध-केंद्र का संचालन करते हैं और वह ग्रीष्मकालीन विद्यालय भी चलाते हैं।
- कॉर्पोरेट-अनुदान से चलने वाले फाउंडेशन समाज-विज्ञान और कला के सबसे बड़े धनदाता हैं जो ‘ विकास अध्ययन ', ‘ समुदाय अध्ययन ', ‘ सांस्कृतिक अध्ययन ', ‘ व्यवहारसंबंधी अध्ययन ' और ‘ मानव अधिकार ' जैसे पाठ्यक्रमों के लिए अनुदान और छात्रवृत्तियां प्रदान करते हैं।
- फिर भी यदि हम उतनी गहराई तक न जाकर अपने को प्राणि-समाज तक ही नहीं बल्कि उसके एक अंग मानव-समाज तक ही सीमित रखें, तब भी हम देख सकते हैं कि समाज-विज्ञान और अर्थ-विज्ञान की प्रगति ने कैसे सृष्टि में मनुष्य के स्थान को क्रमश: बदल दिया है।
- समाज-विज्ञान के नियमानुसार मँहगाई और नैतिकता में व्युत्क्रमानुपाती सम्बन्ध है अर्थात आम जन-जीवन में मँहगाई जितनी बढ़ेगी नैतिकता उसी अनुपात में घटेगी-अतः हे वर्तमान सरकार के कर्णधारों यदि संभव हो तो नैतिक-मूल्यों पर दया करते हुए मँहगाई को घटाने की दिशा में सच्चे मन से कदम उठायें अन्यथा भारतवासी आपलोगों को जल्द ही वर्तमान जिम्मेवारी से मुक्त करते हुए शीघ्र गद्दी से उठा देंगे
- वे ऑरेटर नहीं, चिंतक की तरह बोलते रहे हैं और अपनी वैचारिक ताजगी, प्रामाणिकता में विलक्षण रहे हैं-यहां तक कि अंग्रेजी, इतिहास, समाज-विज्ञान या दूसरे अनुशासन के लोग भी उनका लोहा मानते रहे हैं-उन्हें भारतीय साहित्य के अग्रणी चिंतकों में गिना जाता है. जे. एन. यू. में उनकी सर्वतोमुखी विद्वत्ता और विलक्षण प्रतिभा के बारे में पढ़कर श्रद्घा और आतंक एक साथ महसूस होते हैं.