सरहपा वाक्य
उच्चारण: [ serhepaa ]
उदाहरण वाक्य
- सरहपा से निकली सिद्ध द्वारा बाद स्वतंत्र के रूप में विकसित हुई जिसमें प्रेम एवं भक्ति का महत्त्व है।
- जैनों के अतिरिक्त बौद्ध सिद्धों ने भी अपभ्रंश में रचना की है जिनमें सरहपा, कन्हपा आदि के दोहाकोश महत्वपूर्ण हैं।
- अंगिका के अन्य प्रमुख सिद्ध कवियों में हैं-सरहपा, शबरपा, धर्मपा, चम्पपा, चेलकपा, मेकोपा, लुचिकपा, चर्मटीपा, पुतलिया, कन्हपा, जयानन्त आदि।
- जैनों के अतिरिक्त बौद्ध सिद्धों ने भी अपभ्रंश में रचना की है जिनमें सरहपा, कन्हपा आदि के दोहाकोश महत्वपूर्ण हैं।
- कबीर के साहित्य में सरहपा और गोरखनाथ की बानियां भाषा के अंतर के साथ जस की तस मिल जाती हैं।
- इस प्रकार इसका प्रमाण अन्यत्र भी मिलता है लेकिन तिब्बती मान्यता अनुसार सरहपा से पहले भी पांच सिद्ध हुए हैं।
- भिखारी ठाकुर ज़रूर कभी-कभी याद कर लिए जाते हैं लेकिन सरहपा तो किताबों में ही सिमट कर रह गए हैं।
- सरहपा की रचनाओं का सुव्यवस्थित एवं वैज्ञानिक संस्करण दोहाकोष के नाम से प्रकाशित है जिसके सम्पादक महापणिडत राहुल सांकृत्यायन हैं।
- सरहपा या भिखारी ठाकुर ने जो काम किया है उनका ज़िक्र बार-बार किया जाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
- जैनों के अतिरिक्त बौद्ध सिद्धों ने भी अपभ्रंश में रचना की है जिनमें सरहपा, कन्हपा आदि के दोहाकोश महत्वपूर्ण हैं।