सल्लेखना वाक्य
उच्चारण: [ sellekhenaa ]
उदाहरण वाक्य
- सामान्यतया अतिवृध्द जैन साधक या साध्वियां ही सल्लेखना का सहारा लेते हैं, कभी कभी युवा या प्रौढ साधक या साध्वियां भी सल्लेखना द्वारा मृत्युवरण करते हैं ।
- अभी-अभी प्रकाशित विलियम डेलरिंपल की किताब-नाइन लाइव्स में एक जैन साध्वी यह स्वीकार करती है कि सल्लेखना या मरना उनके लिए परम आनंददायक कर्म है ।
- Wed, 28 May 2008 11:36:58 GMT http://hindi.webdunia.com/religion/religion/jainism/0805/28/1080528038_1.htm क्या है सल्लेखना समाधिमरण http://hindi.webdunia.com/religion/religion/jainism/0805/26/1080526048_1.htm जैन आचार शास्त्र में सल्लेखनापूर्वक होने वाली मृत्यु को समाधिमरण, पंडितमरण अथवा संधारा भी कहा जाता है।
- आर्यिका चंदनामती सातवें भव पूर्व भगवान् महावीर! राजा हरिषेण की पर्याय में उन्होंने श्रुत सागर मुनि के पास जाकर जैनेश्वरी दीक्षा धारण कर सल्लेखना मरण पुर्वक शरीर का त्याग किया और स्वर्ग में देव हो गए।
- मुनिचर्या में इस रोग का शमन होना असंभव जानकर आप अपने गुरु के पास पहँचे और उनसे रोग का हाल कहा तथा सल्लेखना का समय नहीं आया है और आप द्वारा वीरशासन कार्य के उद्धार की आशा है।
- मुनिचर्या में इस रोग का शमन होना असंभव जानकर आप अपने गुरु के पास पहँचे और उनसे रोग का हाल कहा तथा सल्लेखना का समय नहीं आया है और आप द्वारा वीरशासन कार्य के उद्धार की आशा है।
- नसीराबाद (अजमेर) में गुरुवर ज्ञानसागरजी ने शिष्य विद्यासागर को अपने कर कमलों से मृगसर कृष्णा द्वितीय संवत् 2029 को संस्कारित करके अपने आचार्य पद से विभूषित कर दिया और फिर आचार्य विद्यासागरजी के निर्देशन में समाधिमरण सल्लेखना ग्रहण कर ली।
- नसीराबाद (अजमेर) में गुरुवर ज्ञानसागरजी ने शिष्य विद्यासागर को अपने कर कमलों से मृगसर कृष्णा द्वितीय संवत् 2029 को संस्कारित करके अपने आचार्य पद से विभूषित कर दिया और फिर आचार्य विद्यासागरजी के निर्देशन में समाधिमरण सल्लेखना ग्रहण कर ली।
- जिन्होंने 1 जून 1973 में अजमेर से 22 किलोमीटर दूर नसीराबाद में आगमानुसार 6 माह तक विधिवत् यम सल्लेखना पूर्वक समाधिरण किया, नसीराबाद मिलेटी छावनी होने के कारण वहां दादा गुरू की स्मृति स्वरूप विशाल स्थल नहीं बनाया जा सकता था।
- सल्लेखना: मो क्ष प्राप्ति की एक तपस्या अभी हाल ही में अखबारों के मुखपृष्ठ पर भोपाल में एक जैन साध्वी के समाधिस्थ होने की खबर जोरों शोरों से आई, इस मृत्यु महोत्सव हजारों की संख्या में धर्मावलम्बी उमड पडे थे ।