साढे़साती वाक्य
उच्चारण: [ saadheaati ]
उदाहरण वाक्य
- शनि की साढे़साती उनके लिए जहां रोजगार प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगी वहां उनकी कर्मठता और जाग्रत बौद्धिक क्षमता उन्हें जल्द ही आगे बढ़ाने में मदद करेगी।
- कुण्डली में चन्द्रमा जिस डिग्री पर स्थित होता है उस डिग्री से 45 डिग्री पहले और 45 डिग्री बाद तक शनि का गोचर ही शनि की साढे़साती कहलाता है.
- इसका मूल कारण जहां ग्रहों की अवांछित स्थिति है वहां साढे़साती का शनि तथा नीच राशि का सूर्य आपको इस वर्ष की शुरुआत से ही हैरान कर सकता है।
- इस चक्र के दौरान कुण्डली में चन्द्रमा जिस राशि में स्थित होता है उस राशि से या उस भाव से एक भाव पहले शनि का गोचर शनि की साढे़साती के शुरु होने का संदेश देता है.
- यदि जातक को लघु कल्याणी शनि या साढे़साती शनि अशुभ हो और जन्मकुंडली में शनि अशुभ पाप पीड़ित हो, तो साढे़साती का फल बहुत ज्यादा शुभ होगा और ढैया शनि का फल उससे कुछ कम शुभ होगा।
- यदि जातक को लघु कल्याणी शनि या साढे़साती शनि अशुभ हो और जन्मकुंडली में शनि अशुभ पाप पीड़ित हो, तो साढे़साती का फल बहुत ज्यादा शुभ होगा और ढैया शनि का फल उससे कुछ कम शुभ होगा।
- अब नवमांश और सबलॉर्ड में से किसे अधिक सटीक माना जाए इस पर बहस की गुंजाइश अभी नेट पर नहीं है लेकिन ज् योतिष में अंधविश् वास या साढे़साती की समस् या पर हर पाठक पढ़ने को तैयार मिलेगा।
- शनि की साढे़साती के अशुभ फलों के उपाय शनिदेव वही शिक्षक हैं जो कष्ट की कसौटी पर व्यक्ति को परखते हैं, मजबूत बनाते हैं और उसके संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करने में अहम भूमिका निभाते है......... आगे पढें
- सार्धा नि सप्तवर्षा णि तदा दुखै युतो भवेत॥ जब श नि जन्म रा शि से गोचर कर 1, 2, 12 वें रा शि पर संचार होता है तो इसी को श नि की साढे़साती कहते हैं।
- प्रयोग विधि: रोग से मुक्ति व शनि की साढे़साती तथा अन्य सभी दशाओं की पीड़ा से रक्षा के उद्देश्य से पारद शिवलिंग की अर्चना करने वाले साधकों को रात्रि में सवा नौ बजे के उपरांत सवा पाव दूध से पारद शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।