सातवाहन वंश वाक्य
उच्चारण: [ saatevaahen vensh ]
उदाहरण वाक्य
- सातवाहन वंश के, उच्चल, सुस्सल, भिक्षाचर और जयसिंह आदि राजाओं की जीवनगाथा तथा कृत्यों का प्रत्यक्षीकरण कराया गया है।
- सातवाहन वंश का अंतिम प्रतापी नरेश यज्ञरी शातकर्णि था, जिसने १ ६ ५ ई. से १ ९ ३ ई. तक राज्य किया।
- दो हजार वर्ष पूर्व जब यह क्षेत्र धरतिकोट नाम से सातवाहन वंश के राजाओं की राजधानी था, तब यहां बौद्धधर्म का प्रभाव था।
- उस तूफान के पश्चात् ही मैसूर के उत्तरी भाग पर सातवाहन वंश का अधिकार हुआ था, और यह अधिकार द्वितीय शती ईसवी तक चला।
- उस तूफान के पश्चात् ही मैसूर के उत्तरी भाग पर सातवाहन वंश का अधिकार हुआ था, और यह अधिकार द्वितीय शती ईसवी तक चला।
- मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद प्रतिष्ठान (गोदावरी नदी के तट पर स्थित पैठन) को राजधानी बनाकर सातवाहन वंश ने अपनी शक्ति का उत्कर्ष प्रारम्भ किया।
- पहली शताब्दी ई. पू. के मध्य में सातवाहन वंश के राजा सातकर्णि और मालवगण की शक्ति के सामनेशक लोगों की एक न चली और उनकी शक्ति क्षीण होने लगी.
- पुराणों के अनुसार सिमुक ने पूर्वी मालवा (विदिशा) क्षेत्र में शासन करने वाले कण्वों तथा शुंगों की शक्ति को समाप्त कर सातवाहन वंश की स्थापना की है।
- इस अभिलेख में उसे पुनः सातवाहन वंश की स्थापना करने वाला, क्षत्रियों के दपं और मान का मर्दन करने वाला तथा क्षहरात वंश का निर्मूलन करने वाला बताया गया है।
- बाद में पहली सदी के शुरुआत में इस पर कोल्हापुर के सातवाहन वंश के शासकों का अधिकार स्थापित हुआ और फिर बादामी के चालुक्य शासकों ने इसपर 580 इसवी से 750 इसवी पर राज किया।