सामा-चकेवा वाक्य
उच्चारण: [ saamaa-chekaa ]
उदाहरण वाक्य
- चूल्हा-चौका के बाद गांव की लड़कियां रात में चौराहे पर जुटकर सामा-चकेवा के गीत.... “सामचक-सामचक अइया हे.... ”... गाना शुरु कर देती हैं।
- हम घर नहीं जलाते भाई, सच कह रहा हूँ, सामा-चकेवा के भाई-बहन के पावन त्योहार में हम चुगले (चुगलखोर) को जलाते हैं।
- मिथिला का प्रसिद्ध उत्सव सामा-चकेवा का व्यापक प्रचार प्रसार जरुरी है, संस्कृति के प्रति मिथिला का नजरिया देश समाज में व्यापक रूप से पहुचे तो अच्छा होगा.
- लोक-आस्था और लोकाचार की प्राचीन परंपरा से जुड़े भाई-बहनों के बीच स्नेह का लोकपर्व सामा-चकेवा मिथिलांचल में आज भी काफ़ी हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
- चूल्हा-चौका के बाद गांव की लड़कियां रात में चौराहे पर जुटकर सामा-चकेवा के गीत …. ” सामचक-सामचक अइया हे …. ” … गाना शुरु कर देती हैं।
- मिथिला का प्रसिद्ध उत्सव सामा-चकेवा का व्यापक प्रचार प्रसार जरुरी है, संस्कृति के प्रति मिथिला का नजरिया देश समाज में व्यापक रूप से पहुचे तो अच्छा होगा.
- भाई शाम्भ भी उसे खोजते हुए मिथिला पहुंचे और वहां की महिलाओं से अपने बहन-बहनोई को शाप से मुक्त करने के लिए सामा-चकेवा का खेल खेलने का आग्रह किया।
- मिथिलांचल में दसौत, सामा-चकेवा, झिझिया, जटा-जटिन, झुमरि, रमखेलिया, डोमकछ, लोरिक-सलहेस, गोपीचन्द, विदापत, हरिलता एवं विहुला प्रचलित लोक नाटक रहे हैं।
- कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की तिथि सप्तमी से पूर्णिमा तक चलने वाले इस नौ दिवसीय लोकपर्व सामा-चकेवा में भाई-बहन के सात्विक स्नेह की की गंगा निरंतर प्रवाहित होती रहती है।
- सामा-चकेवा के अभिनय काल में कुवांरी लड़कियाँ चंगेरे में मिट्टी के विभिन्न पात्रों को रखकर, दीप जलाकर अपने-अपने सिर पर रखकर खेतों की ओर नाचती-गाती निकल पड़ती हैं और वहां रखकर अभिनय करती हैं।