सावन के गीत वाक्य
उच्चारण: [ saaven k gait ]
उदाहरण वाक्य
- अब तो ' सम्पूर्ण क्रांति ' ही समाधान है पर करेगा कौन?????? अब तो सब चाहते हैं क़ि पड़ोसी का बेटा भगत सिंह बन फाँसी झूले और अपना बेटा अमरीकी झूले पे बैठ सावन के गीत गाये.
- खेल खिलंदड़, मिलना-जुलना, अब न रहे वो मन के मीत भूल गईं ढोलक की थापें, बिसर गए सावन के गीत चिड़ियों की चहकन सब भूले, भूले झरनों का संगीत तरकश ताने प्रचुर हुए सब, मृदुता में कंजूस हुए।
- यूं आना स्वर्णिम किरणों के रथ पे सवार नव वर्ष! तुम धरा के आँगन में कुछ इस तरह से आना संग अपने लाना सौंधी माटी की महक उन्मुक्त पाखी की चहक संदली बयार प्यार की फुहार सावन के गीत सा मितवा के मीत सा नेह अमृत बरसाना तुम कुमकुम सने पगों से आना
- मुक्तिधाम में मनाया श्रावण मास हरियाली महोत्सव झूला झूलते सावन मास मल्हार गाये, शांति दूत कबूतर छोड़े मुरैना/पोरसा। लॉयन्स मुक्तिधाम में महिलाओं ने हरियाली महोत्सव मनाया गया। जिसमें पौधारोपण कर सावन के गीत मल्हारे एवं भजनों के संगीतमय महोल में महिलाये जम कर झमते हुए कार्यक्रम संपन्न किया गया। माथुर वैश्य महिला मण्डल के तत्वाधान []
- हिसाब को अपनी जगह रहने दो प्यार करो तो प्रकृति को बीच में लाओ प्रकृति यानि सहजता वह हर मौसम को जीती है व्यवहारिकता के नाम पर ग्रीष्म में बसंत नहीं लाती न बसंत में सावन के गीत गाती है........ सोचो तो, यदि प्रकृति व्यवहारिक अंग्रेजी में प्रैक्टिकल हो जाए..... तो??? कोई नहीं...
- जागरण प्रतिनिधि, विकासनगरः वैश्य लेडीज क्लब द्वारा आयोजित हरियाली तीज कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति की अनूठी झलक दिखाई दी। क्लब से जुड़ीं महिलाओं ने एक से बढ़कर एक डांस प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा महिलाओं ने झूला-झूलकर सावन के गीत गाए। विभिन्न प्रतियोगिताओं में भी अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया। रविवार को तीज महोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत 'है प्रीत जहां की रीत सदा मै गीत वहीं के गाता हूं..' से हुई। कार्यक्रम में भारत के हर प्रांत की झलकियां देखने को मिली। राजस्थानी ग
- तन की नहीं मुझे चिंता है चूल्हे की कैसे जलेगी भीगी लकड़ियां धुआंएंगी अम्मा की आंखों जो बरस गया मोतिया थमेगा नहीं तुम तो थमो ये प्यार व्यार फिर कर लेंगे यदि इस बार सावन से बच लेंगे! मुझे बहुत आते हैं सावन के गीत फिर कभी सुनाऊंगी अभी तो छोड़ो पहले घर बचाऊंगी! मेहंदी का क्या क्या सावन क्या माघ रच ही जाएगी गोबर थाप कर धो लूंगी हाथ मेहंदी तो उस के बाद भी खूब रच जाएगी तब तक क्या उम्र निकल जाएगी ।
- जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: शहरी परिवेश में सावन के गीत मुश्किल से ही लोगों को सुनने को मिलते हैं, लेकिन जब अवसर मिले तो लोग चूकते नहीं। कुछ ऐसा ही मौका शनिवार की देर शाम कमानी सभागार में लोगों को मिला। सोनचिरया संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'सावन' में गायिका मालिनी अवस्थी द्वारा प्रस्तुत मधुर गीतों को सुनने के लिए लोग दौड़े चले आए। मालिनी अवस्थी द्वारा प्रस्तुत किया गया सावन गीत 'अरी अम्मा मेरे बाबा को भेजो री के सावन आया रे। बेटी तेरा बाबा बुढ़ा री। अम्मा म
- जागरण संवाददाता, विकासनगरः हरियाली तीज पर पछवादून में कहीं भी पारंपरिक झूले देखने को नहीं मिले, हालांकि महिलाओं ने अपने-अपने मोहल्ले में झूले डाल कर तीज मनाई। आर्य समाज से जुड़ी महिलाओं ने हरियाली तीज के पर्व पर आर्य समाज मंदिर में यज्ञ और भजन कीर्तन का आयोजन किया। महिलाओं ने झूले पर झूलते हुए सावन के गीत गाए और एक दूसरे को तीज की बधाई दी। एक समय था जब सावन पर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं पेड़ों पर रस्से डालकर झूला झूलतीं थी। हर तरफ सावन के मनोहारी गीत सुनाई देते थे, लेकिन समय क्या बद