सिन्ध प्रान्त वाक्य
उच्चारण: [ sinedh peraanet ]
उदाहरण वाक्य
- प्रसिद्ध सिक्ख यौद्धा हरिसिंह नलवा ने सिक्ख साम्राज्य के दौरान सिन्ध प्रान्त पर विजय करने के पश्चात गुरूद्वारे के इस विशाल भवन और कुण्ड का निर्माण कराया था।
- सामाजिक कार्यकर्ता लखमीचन्द आसवानी कहते हैं कि उनके दादा कल्लूमल अपने भाइयों के साथ सिन्ध प्रान्त के ग्राम टडो आदम, शहदादपुर, जिला सांघड़ से भारत आये।
- गांधी जी को पाकिस्तान को रूपये देने की सुध थी किन्तु इन सिन्धीयों की कोई सुध नही थी जिनके नाम पर आज भी पाकिस्तान में सिन्ध प्रान्त है।
- उनके मतानुसार कुछ लेखकों का कहना है कि भारत पर [[Scythian | सिथियनों]] के आक्रमण से काफ़ी पहले जाट लोग सिन्ध प्रान्त में आबाद थे और उनका सम्बन्ध महाभारत के योद्धाओं से था।
- अखण्ड भारत में सिन्ध प्रान्त के नवाबशाह नामक जिले में बेराणी नाम नगर में अपने कर्म में कुशल, सत्य सनातन धर्म में निष्ठ, वैश्य वंश के भूषणरूप थाऊमल नाम के विख्यात सेठ रहते थे।
- विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख विनोद बंसल ने बताया कि पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त से 229, 222 व 29 की संख्या में क्रमश: 10, 18 व 27 मार्च को दिल्ली पहुंचे कुल 480 पीडित हिन्दुओं की दर्दनाक स्थिति देखी नहीं जा रही है।
- मुख्य अतिथि की आसंदी से अपने उदबोधन में श्री लालकृष्ण आडवाणी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दिनों को याद करते हुए कहा कि आजादी के बाद देश के विभाजन से सिन्ध प्रान्त पाकिस्तान में चला गया, लेकिन आज भी वह भावनात्मक रूप से हमारे साथ जुड़ा हुआ है।
- बिस्मिल की जो आत्मकथा काकोरी षड्यन्त्र के नाम से वर्तमान पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में तत्कालीन पुस्तक प्रकाशक भजनलाल बुकसेलर ने आर्ट प्रेस, सिन्ध (वर्तमान पाकिस्तान) से पहली बार सन १९२७ में बिस्मिल को फाँसी दिये जाने के कुछ दिनों बाद ही प्रकाशित कर दी थी वह भी सरफरोशी की तमन्ना ग्रन्थावली के भाग-तीन में अविकल रूप से सुसम्पादित होकर सन् १९९७ में आ चुकी है।
- बिस्मिल की जो आत्मकथा काकोरी षड्यन्त्र के नाम से वर्तमान पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में तत्कालीन पुस्तक प्रकाशक भजनलाल बुकसेलर ने आर्ट प्रेस, सिन्ध (वर्तमान पाकिस्तान) से पहली बार सन १९२७ में बिस्मिल को फाँसी दिये जाने के कुछ दिनों बाद ही प्रकाशित कर दी थी वह भी सरफरोशी की तमन्ना ग्रन्थावली के भाग-तीन में अविकल रूप से सुसम्पादित होकर सन् १९९७ में आ चुकी है।
- समाचार के अनुसार, सिन्ध प्रान्त में हिन्दुओं को लगातार लूट और डकैती का निशाना बनाए जाने को लेकर, वहाँ के अल्पसंख्यक समुदाय की प्रतिनिधि संस्था, ‘ पाकिस्तान हिन्दू परिषद् ' (पीएचसी) के प्रतिनिधिमण्डल ने चिन्ता जताते हुए, इस्लामाबाद की संघीय सरकार से इन घटनाओं को रोकने के लिए तुरन्त कड़े कदम उठाने और अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा करने की माँग की है ।