सिमतोला वाक्य
उच्चारण: [ simetolaa ]
उदाहरण वाक्य
- लोहभ के पहाड़ी के रुप में इसे देखा जा सकता है सिमतोला: यह अल्मोड़ा नगर से ३ कि. मी. की दूरी पर ' सिमतोला ' का ' पिकनिक स्थल ' सैलानियों का स्वर्ग है।
- लोहभ के पहाड़ी के रुप में इसे देखा जा सकता है सिमतोला: यह अल्मोड़ा नगर से ३ कि. मी. की दूरी पर ' सिमतोला ' का ' पिकनिक स्थल ' सैलानियों का स्वर्ग है।
- चीड़, देवदार, बाँज और अकेशिया के पेड़ों के बीच पगडंडियों पर चलकर पपरसली से सिमतोला की पहाड़ी पर चढ़ना, चिडि़यों की मीठी चहचहाहट के बीच सूर्योदय या फिर सूर्यास्त के दृश्यों को देखना, हिमालयी शिखरों से साक्षात्कार और चारों तरफ शांत वातावरण!
- अब नये डी. एफ. ओ. द्वारा कहा जा रहा है कि कार्ययोजना बनाने के लिए पैसा नहीं है, जबकि दूसरी ओर सिमतोला नामक स्थान पर ईको टूरिज्म के लिए डेढ़ करोड़ की योजना इसी विभाग द्वारा बनायी जा रही है।
- ' 'यहाँ अपने पद-चिन्हों के सिवाय कुछ मत छोडि़ये और फोटो के सिवाय कुछ मत लेकर जाइये''-ईको पार्क में लिखा यह संदेश पढ़ने के बावजूद सिमतोला से वापस लौटते हुए मन में विचारों और स्मृतियों के प्रवाह को रोक पाना संभव नहीं था।
- “यहाँ अपने पद-चिन्हों के सिवाय कुछ मत छोडि़ये और फोटो के सिवाय कुछ मत लेकर जाइये”-ईको पार्क में लिखा यह संदेश पढ़ने के बावजूद सिमतोला से वापस लौटते हुए मन में विचारों और स्मृतियों के प्रवाह को रोक पाना संभव नहीं था।
- ' ' यहाँ अपने पद-चिन्हों के सिवाय कुछ मत छोडि़ये और फोटो के सिवाय कुछ मत लेकर जाइये ''-ईको पार्क में लिखा यह संदेश पढ़ने के बावजूद सिमतोला से वापस लौटते हुए मन में विचारों और स्मृतियों के प्रवाह को रोक पाना संभव नहीं था।
- 1938 में उन्होंने भारत को अपना आधार बनाया और उत्तराखंड हिमालय के अल्मोड़ा से 3 किमी दूर सिमतोला में ' उदय शंकर इंडिया कल्चरल सेंटर' की स्थापना की, उन्होंने कथकली के लिए शंकरण नम्बूदरी को, भरतनाट्यम के लिए कंडप्पा पिल्लई को, मणिपुरी के लिए अम्बी सिंह को और संगीत के लिए उस्ताद अलाउद्दीन खान को आमंत्रित किया.
- 1938 में उन्होंने भारत को अपना आधार बनाया और उत्तराखंड हिमालय के अल्मोड़ा से 3 किमी दूर सिमतोला में ' उदय शंकर इंडिया कल्चरल सेंटर' की स्थापना की, उन्होंने कथकली के लिए शंकरण नम्बूदरी को, भरतनाट्यम के लिए कंडप्पा पिल्लई को, मणिपुरी के लिए अम्बी सिंह को और संगीत के लिए उस्ताद अलाउद्दीन खान को आमंत्रित किया.
- चीड़, देवदार, बाँज और अकेशिया के पेड़ों के बीच पगडंडियों पर चलकर पपरसली से सिमतोला की पहाड़ी पर चढ़ना, चिडि़यों की मीठी चहचहाहट के बीच सूर्योदय या फिर सूर्यास्त के दृश्यों को देखना, हिमालयी शिखरों से साक्षात्कार और चारों तरफ शांत वातावरण! प्रकृति वसंत ऋतु में अकेशिया के पीले फूलों से स्वागत करती है, जबकि सितम्बर में कॉसमॉस के रंगबिरंगे फूलों से धरती खिल उठती है।