सुदेश भोंसले वाक्य
उच्चारण: [ sudesh bhonesl ]
उदाहरण वाक्य
- १ ९ ८ ७ में निधन होने के बाद भी किशोर के बाद की एक लम्बी पीढी उनकी याद दिलाती है जिसमें कुमार शानू, अभिजीत, उनके बेटे अमित कुमार, सुदेश भोंसले, बाबुल सुप्रियो जैसे बड़े नाम हैं ।
- बॉलीवुड के अन्य बुलाए गए कलाकार थे सोनू निगम (36 लाख), सुनिधि चौहान (32 लाख), दीया मिर्जा (25 लाख), हिमेश रेशमिया (24 लाख) और सुदेश भोंसले (11.75 लाख) ।
- ' ' पुरस्कार समारोह के दौरान ‘ हृदयोत्सव 71 ' संगीत संगीत समारोह का भी आयोजन किया गया जिसमें शान, सुनिधि चौहान, सुदेश भोंसले, महालक्ष्मी, साधना सरगम और अनेक अन्य लोगों ने गुजरे जमाने के कुछ हिट गीत पेश किए।
- किशोर कुमार की मृत्यु पश्चात फिल्म “वक़्त की आवाज़” से अपना फिल्मी सफर करने वाले सुदेश भोंसले ने न सिर्फ किशोर कुमार की आवाज़ बनकर उनकी अनगिनत फिल्मों को पूरा किया बल्कि संजीव कुमार और अनिल कपूर की आवाज़ में भी महारत हासिल की.
- कंटेस्टेंट्स ने जवाब दिए और कम्यूटर की स्क्रीन देखते हुए अचानक बच्चन साहब ठीक वैसे ही चिल्लाने लगे जैसे फिल्म हम में सुदेश भोंसले की आवाज़ में चिल्लाते हुए उन्होंने जुम्मा जी को पुकारा था ; ” और सबसे पहले सही जवाब दिया है मुंबई के इक्कीस वर्षीय विकास गोयल ने...
- हेमंत कुमार, मन्ना डे, तलत महमूद, महेंद्र कपूर से लेकर सुरेश वाडकर, मनहर उधास, पंकज उधास, सुदेश भोंसले, सोनू निगम, कुमार सानू, कविता कृष्णमूर्ति, अलका याग्निक, साधना सरगम, अनुराधा पौडवाल, सुखविंदर, अलीशा, उदित नारायण, रूप कुमार राठो ड....
- सुदेश भोंसले की आवाज़ में एक गीत सुना तो याद आ गया सत्तर के दशक की महमूद की लोकप्रिय फ़िल्म कुँवारा बाप का लोकप्रिय गीत-हाँ जीशुक्रवार को जयमाला संदेश में कमल जी ने पढ कर सुनाए फ़ौजी भाइयों के संदेश उनके परिजनों के नाम और उनके परिजनों के संदेश फ़ौजी भाइयों के नाम उनके पसन्दीदा फ़िल्मी गीतों के साथ।
- सुदेश भोंसले की आवाज़ में एक गीत सुना तो याद आ गया सत्तर के दशक की महमूद की लोकप्रिय फ़िल्म कुँवारा बाप का लोकप्रिय गीत-हाँ जी शुक्रवार को जयमाला संदेश में कमल जी ने पढ कर सुनाए फ़ौजी भाइयों के संदेश उनके परिजनों के नाम और उनके परिजनों के संदेश फ़ौजी भाइयों के नाम उनके पसन्दीदा फ़िल्मी गीतों के साथ।
- पिछले साल पुना में मिले थे जब सुदेश भोंसले के साथ भी बजाया था. मात्र एकोर्डियन और ढोलक,कांगो पर बजाये हुए मधुर गानों की बानगी तो लीजिये-चांद सा रोशन चेहरा, सुहानी रात ढल चुकी, फ़ूलों के रंग से,डम डम डिग डिगा, रमैय्या वस्ता वैय्या, और भी कई.एक और खुशनुमा बात यह थी कि मेरे अनुज-मित्र संजय (श्री संजय पटेल) भी इस कार्यक्रम में आये थे.