हरनी वाक्य
उच्चारण: [ herni ]
उदाहरण वाक्य
- (नीति-शतकम्, 13) भौतिक धन की तुलना में विद्या धन का महत्त्व बतलाते हुए महाकवि भर्तृहरि कहते हैं-जो [...] नीति-शतक वशीकरण का मन्त्र वशीकरण का मन्त्र मन्त्रः-“जन मन मंजु मुकुर मल हरनी ।
- करीबी १९६५ देव ज्योतिशालय को लेके ए थे बा रा न पूरा में! फिर वहा से हरनी रोड पर!यही उनकी यात्रा ज्योतिष कार्यालय की रही! यही काम उनके पुत्र राजेन्द्रप्रसाद सम्हाल रहे है।
- बाढ़ से पटोरी टोला, मधुबन प्रताप, बारा बुजुर्ग, बारा खुर्द, महुआरा, चैनपुर, जोंकी खुर्द, राघोपुर, तरबन्ना, चहुंटा दक्षिणी टोला, अभिमानपुर, बभनगामा पश्चिमी, हरनी टोला, भरथुआ दक्षिणी टोला आदि पूरी तरह प्रभावित है।
- नासिक में गंगापुर रोड पर बने आसाराम के एक आश्रम के अवैध हिस्से को नासिक महानगर पालिका ने हटा दिया। वहीं, राजस्थान के भीलवाड़ा शहर के पास हरनी खुर्द गांव में आसाराम के आश्रम में गैरकानूनी तरीके से बने हिस्से को गिरा दिया गया है।
- नासिक में गंगापुर रोड पर बने आसाराम के एक आश्रम के अवैध हिस्से को नासिक महानगर पालिका ने हटा दिया। वहीं, राजस्थान के भीलवाड़ा शहर के पास हरनी खुर्द गांव में आसाराम के आश्रम में गैरकानूनी तरीके से बने हिस्से को गिरा दिया गया है।
- नासिक में गंगापुर रोड पर बने आसाराम के एक आश्रम के अवैध हिस्से को नासिक महानगर पालिका ने हटा दिया। वहीं, राजस्थान के भीलवाड़ा शहर के पास हरनी खुर्द गांव में आसाराम के आश्रम में गैरकानूनी तरीके से बने हिस्से को गिरा दिया गया है।
- प्रखंड के बसुआ, जोंकी, चहुंटा, वभनगंवा, बेनीपुर, भरथुवा, मधुवन प्रताप, बाड़ा बुजूर्ग, बाड़ा खुर्द, हरनी टोला, चैनपुर, राघोपुर, तरवाना समेत एक दर्जन गांवों के हजारों घरों में बाढ़ का पानी भर गया है.
- अपना फ़र्ज़, अपनी संस्कृति को क्यों छोड़े जाते हो,वैलेंटाइन तो याद है, पर खून के रिश्तों को तोड़े जाते हो!क्यों भूल गए न,भूल गए न उस जननी को,सर्व कष्ट हरनी को,जो हर नाजों नखरे उठाती है,राजा कह कर बुलाती है,फ़िर बेटा चाहे जैसा हो।
- दिल्ली वासियों से अनुरोध है कि सरकार के कार्य में बाधा उत्पन्न न करे और अन्य मामलों को छोड़कर इस महत्वपूर्ण कार्य को संपन्न करें, हमें प्रतिदिन के समाचारों से ज्ञात हो रहा है की हमारे पास वक्त की कमी है और काम अभी अधुरा है, लेकिन हमें हिम्मत नहीं हरनी है क्योंकि पिक्चर अबी बाकि है मेरे दोस्त.
- अपना देश, धर्म और संस्कृति को क्यों छोड़े जाते हो, वैलेंटाइन तो याद है, पर खून के रिश्तों को तोड़े जाते हो! क्यों भूल गए न, भूल गए न उस जननी को, सर्व कष्ट हरनी को, जो हर नाजों नखरे उठाती है, राजा कह कर बुलाती है, फ़िर बेटा चाहे जैसा हो।