हरि सिंह नलवा वाक्य
उच्चारण: [ heri sinh nelvaa ]
उदाहरण वाक्य
- इस इलाके में सरदार हरि सिंह नलवा ने सिंधु नदी के पार, अपने अभियानों द्वारा अफगान साम्राज्य के एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा करके, सिख साम्राज्य की उत्तर पश्चिम सीमांत को विस्तार किया था।
- हजारा के संकलक ने लिखत में दर्ज किया है कि उस समय केवल हरि सिंह नलवा ही अपने प्रभावी ढंग के कारण, एक मजबूत हाथ के द्वारा इस जिले पर नियंत्रण कर सकते थे।
- 2. भारतीय सेना की मदद माँगते हुए हरि सिंह नलवा ने “बिना शर्त” भारत में काश्मीर के विलय को स्वीकार कर लिया था, मगर नेहरूजी ने अपनी ओर से इसमें “जनमत संग्रह” का पेंच फँसाया।
- नलवे की सेनाओं ने अफ़गानों को दर्रा खैबर के उस ओर बुरी तरह खदेड कर इन उपद्रवी कबायली अफ़गानों / पठानों की ऐसी गति बनाई कि परिणामस्वरूप हरि सिंह नलवा ने इतिहास की धारा ही बदल दी।
- हरि सिंह नलवा की शानदार उपलब्धियाँ ऐसे हैं कि वह गुरु गोबिंद सिंह द्वारा स्थापित परंपरा का उदाहरण देती हैं और उन्हें इसलिये सर हेनरी ग्रिफिन ने “खालसाजी का चैंपियन” के नाम से सुसज्जित किया है।
- जहाँ ब्रिटिश, रूसी और अमेरिकी सैन्य बलों को विफलता मिली, इस क्षेत्र में सरदार हरि सिंह नलवा ने अपनी सामरिक प्रतिभा और बहादुरी की धाक जम ाने के साथ सिख-संत सिपाही होने का उदाहरण स्थापित किया था।
- पाकिस्तान की बात करें, तो पाक कबाइलियों (पीछे से पाक सेना थी) के हमले के बाद नेहरूजी ने तुरन्त भारतीय फौज को रवाना नहीं होने दिया था ; जब हरि सिंह नलवा ने “
- पंजाबी सीमा की सुरक्षा के लिए और पंजाब की धरती पर अफगानी हमलों को रोकने के लिए महाराजा रणजीत सिंह ने हरि सिंह नलवा को खैबर के प्रवेश द्वार पर किले का निर्माण करने के लिये आदेश दिया था।
- इतिहास गवाह है कि श्री गुरुगोविंद सिंह द्वारा निर्मित धर्म और राष्ट्र रक्षक खालसा पंथ के अनुयायियों सरदार हरि सिंह नलवा जैसे असंख्य वीर सिख योद्धाओं ने खैबर दर्रे को पार करके गजनी (अफगानिस्तान) तक केसरिया पताका फहराई थी।
- 2. भारतीय सेना की मदद माँगते हुए हरि सिंह नलवा ने “ बिना शर्त ” भारत में काश्मीर के विलय को स्वीकार कर लिया था, मगर नेहरूजी ने अपनी ओर से इसमें “ जनमत संग्रह ” का पेंच फँसाया।