हीरालाल शास्त्री वाक्य
उच्चारण: [ hiraalaal shaasetri ]
उदाहरण वाक्य
- देश के उप प्रधानमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल ने इस बारे में तत्कालीन मुख्यमंत्री पं. हीरालाल शास्त्री से पूछा-‘जयपुर महाराजा, राज्य के खजाने के कुछ सोने को अपना बता रहे हैं, यह सोना किसका है?'
- राजे के अलावा अब तक हीरालाल शास्त्री, सीएस वैंकटचारी, जयनारायण व्यास, टीकाराम पालीवाल, जयनारायण व्यास, मोहनलाल सुखाड़िया, बरकतुल्लाह खान, हरिदेव जोशी, भैरोसिंह शेखावत, जगन्नाथ पहाड़िया, शिवचरण माथुर, हीरालाल देवपुरा, अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे हैं।
- यहाँ यह कार्य करते हुए पं. हीरालाल शास्त्री एवं श्रीमती रतन शास्त्री की अपनी प्रतिभावान पुत्री 12.5 वर्षीय का अचानक 25 अप्रैल, 1935 को केवल एक दिन की अस्वस्थता के पश्चात निधन हो गया।
- पं. हीरालाल शास्त्री ने सन् 1929 में भूतपूर्व जयपुर राज्य सरकार में गृह तथा विदेश विभाग के सचिव के सम्मानपूर्ण पद को त्याग कर बन्थली (वनस्थली) जैसे सुदूर गाँव को अपने भावी कार्यक्षेत्र के रुप में चुना।
- पूर्वी राजस्थान के टोंक जिले में, निवाई रेलवेस्टेशन से थोड़ी सी दूरी पर कन्याओं के लिए एक शिक्षास्थली की शुरुआत सं १ ९ ३ ५ में स्वर्गीय पण्डित हीरालाल शास्त्री व उनकी पत्नी रतना जी ने की.
- जिस प्रकार कविवर रवीन्द्रनाथ टैगौर का सपना ‘ शांतिनिकेतन ' के रूप में साकार हुआ उसी तरह पण्डित हीरालाल शास्त्री का यह महान सामाजिक अध्यवसाय लडकियों के लिए आधुनिक भारत के अग्रगण्य शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित है.
- जयपुर में प्रजामण्डल का नेतृत्व जमनालाल बजाज, हीरालाल शास्त्री जैसे दिग्गज नेताओं ने किया जबकि जोधपुर में जयनारायण व्यास के मार्गदर्शन में उत्तरदायी शासन की स्थापना के लिए संघर्ष चला, वहीं सिरोही में गोकुल भाई भट्ट के शीर्ष नेतृत्व में।
- तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री हीरालाल शास्त्री ने विभिन्न आयुर्वेदिक संस्थाओ के एकीकरण हेतु एक कमेटी का गठन किया, जिसका कार्य भूतपूर्व राज्यों की विभिन्न आयुर्वेद संस्थाओं व इनमें कार्यरत कार्मिको की वेतन श्रृंखलाओं का एकीकरण कर आयुर्वेद के विकास हेतु सुझाव देना था।
- राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री स् व. प ं. हीरालाल शास्त्री ने 1929 में तत्कालीन जयपुर रियासत में गृह तथा विदेश महकमे के सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद को छोड़कर समाज सेवा का संकल्प लेकर निवई के पास बन्थली (वनस्थली) ग्राम को अपना कर्म क्षेत्र बनाया ।
- जम्मु एवं कश्मीर-गुलाम मोहम्मद सद्दीक हिमाचल प्रदेश-यशवन्त सिंह परमार हरियाणा-भगवत दयाल शर्मा पंजाब-डॉ. गोपीचन्द भार्गव दिल्ली-चौधरी ब्रह्म प्रकाश उत्तराखण्ड-नित्यानन्द स्वामी राजस्थान-हीरालाल शास्त्री उत्तर प्रदेश-गोविन्द वल्ल्भ पन्त बिहार-कृष्णा सिंह झारखण्ड-बाबूलाल मरांडी प.