हुमांयू वाक्य
उच्चारण: [ humaaneyu ]
उदाहरण वाक्य
- ठीक वैसे ही जैसे कर्णवती ने हुमांयू को राखी भेज कर रक्षा की गुहार लगाई थी और हुमांयू ने भी जी जान से अपनी बहन के मान और सम्मान की लाज बचाई थी!
- ठीक वैसे ही जैसे कर्णवती ने हुमांयू को राखी भेज कर रक्षा की गुहार लगाई थी और हुमांयू ने भी जी जान से अपनी बहन के मान और सम्मान की लाज बचाई थी!
- दूसरे दिन फिर वह फूलों का खूबसूरत गुलदस्ता लेकर गुलनार के पास पहुंची और बोली-' 'हुजुर की मेहरबानी देख आज मैं अपने राजकुमार हुमांयू की तरफ से आपको यह गुलदस्ता भेंट करने की हिम्मत कर रही हूं।
- इस अवसर पर स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज द्वारा रचित श्रीमद्भगवतगीता ‘ यथार्थ गीता ‘ का विमोचन सामूहिक रूप से स्वामी ब्रजानंद जी महाराज, देहली प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के सफ़दर एच. ख़ान एवं प्रोफ़ेसर हुमांयू मुराद ने किया।
- जिनके गलत कारनामों ने तुम्हारी साख पर बट्टा लगाया है तुम कभी उन्हें कामयाब नहीं होने दोगे यह हलफ आज तुम अपनी बहनों के लिये उठा लो और हुमांयू की तरह तुम भी एक सच्चे, नेक और दर्दमंद भाई होने का फ़र्ज़ निभा लो!
- हुमांयू अंसारी, शफीक आलम, सरयू मंडल समेत 37 नेताओं को उपाध्यक्ष बनाया गया है, वहीं चंद्र किशोर सिंह, कृष्णा यादव, द्रोपदी देवी, मनोज पांडेय, सैयद इमरान कादरी, ज्ञान चंद्र पांडेय व बैजनाथ यादव समेत 70 नेताओं को महासचिव बनाया गया है।
- इस नाटक में मीरा कांत ने हुमांयू के जीवन के अनछुए पहलुओं को सामने लाने की कोशिश की है जो एक ओर शायरी, ज्योतिष, सूफ़ी-संतो ओर आध्यात्मिक चिंतन के लिए व्याकुल था और दूसरी ओर हिन्दुस्तान फ़तह करके एक पुत्र और एक पिता की ज़िम्मेदारी निभाने के लिए छ्टपटा रहा था।
- इस नाटक में मीरा कांत ने हुमांयू के जीवन के अनछुए पहलुओं को सामने लाने की कोशिश की है जो एक ओर शायरी, ज्योतिष, सूफ़ी-संतो ओर आध्यात्मिक चिंतन के लिए व्याकुल था और दूसरी ओर हिन्दुस्तान फ़तह करके एक पुत्र और एक पिता की ज़िम्मेदारी निभाने के लिए छ्टपटा रहा था।
- साहित्य अकादमी का जब गठन हुआ था तो उसके सामान्य सभा के सदस्यों में एस राधाकृष्णन, अबुल कलाम अजाद, सी राजगोपालाचारी, के एम पाणिक्कर, ए एम मुंशी, वी एन मेनन, जाकिर हुसैन, हुमांयू कबीर, सुनीति कुमार चटर्जी, उमाशंकर जोशी, जैनेन्द्र कुमार, नीलमणि फूकन, हजारी प्रसाद द्विववेदी, एम वी आयंगर, महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह दिनकर, बनारसी दास चतुर्वेदी जैसे उदभट विव्दान थे जो खुद भी बेहतरीन सृजनात्मक लेखन कर रहे थे ।
- इस जन्मभूमि के लिए सन् 1528 से 1530 तक 4 युद्ध बाबर के साथ, 1530 से 1556 तक 10 युद्ध हुमांयू से, 1556 से 1606 के बीच 20 युद्ध अकबर से, 1658 से 1707 ई मे 30 लड़ाईयां औरंगजेब से, 1770 से 1814 तक 5 युद्ध अवध के नवाब सआदत अली से, 1814 से 1836 के बीच 3 युद्ध नसिरूद्दी हैदर के साथ, 1847 से 1857 तक दो बार वाजिदअली शाह के साथ, तथा एक-एक लड़ाई 1912 व 1934 मंे अंग्रेजों के काल मंे हिन्दू समाज ने लड़ी।