१६३१ वाक्य
उच्चारण: [ 1631 ]
उदाहरण वाक्य
- १६३१ वि. में रामचरित मानस की रचना प्रारम्भ की और मार्ग शीर्ष शुक्ल पक्ष में राम विवाह के दिन अर्थात २ वर्ष ७ माह २६ दिन में सातों काण्ड रामचरित मानस के पूर्ण किये।
- अर्जुमन्द बानों ने ८ पुत्रों एवं ६ पुत्रियों को जन्म दिया था एवं अपनी चौदहवीं सन्तान को जन्म देते समय इसका देहान्त बरहानपुर में १७ जिल्काद १०४० हिजरी तदनुसार ७ जून सन् १६३१ को हुआ था।
- जैसा कि तुलसीदास जी ने रामचरित मानस के बालकाण्ड में स्वयं लिखा है कि उन्होंने रामचरित मानस की रचना का आरंभ अयोध्यापुरी में विक्रम संवत १६३१ (१५७४ ईस्वी) के रामनवमी, जो कि मंगलवार था, को किया था।
- जैसा कि तुलसीदास जी ने रामचरित मानस के बालकाण्ड में स्वयं लिखा है कि उन्होंने रामचरित मानस की रचना का आरंभ अयोध्यापुरी में विक्रम संवत १६३१ (१५७४ ईस्वी) के रामनवमी, जो कि मंगलवार था, को किया था।
- जैसा कि तुलसीदास जी ने रामचरित मानस के बालकाण्ड में स्वयं लिखा है कि उन्होंने रामचरित मानस की रचना का आरंभ अयोध्या में विक्रम संवत १६३१ (१५७४ ईस्वी) के रामनवमी, जो कि मंगलवार था, को किया था।
- गुरू अमरदास साहिब को देहांत ९५ वर्ष की आयु में भादों सुदी १४ (पहला आसु) सम्वत १६३१ (सितम्बर १, १५७४) को गुरू रामदास साहिब जी को गुरूपद सौंपने के पश्चात गाईन्दवाल साहिब, जो कि अमृतसर के निकट है, में हुआ था।
- गुरू अमरदास साहिब को देहांत ९५ वर्ष की आयु में भादों सुदी १४ (पहला आसु) सम्वत १६३१ (सितम्बर १, १५७४) को गुरू रामदास साहिब जी को गुरूपद सौंपने के पश्चात गाईन्दवाल साहिब, जो कि अमृतसर के निकट है, में हुआ था।
- कुछ पाठकों ने यह भी सोचा होगा कि सम्भवतः वह २२ वर्षों तक आगरा आता-जाता रहा होगा, कम से कम सन् १६३१ में कार्य प्रारम्भ होते समय तथा सन् १६५३ में कार्य समाप्त होते समय तो वह अवश्य ही उपस्थित रहा होगा।
- बिना लाग लपेट के लेखक ने अपनी बात कही है, इसीलिये इस कथन को इतना अधिक महत्व दिया गया कि इसे ही शाहजहाँ द्वारा ताजमहल निर्माण के प्रमाणस्वरूप उद्धृत किया जाने लगा एवं इसी कथन को आधार मानकर ताजमहल का निर्माण-काल सन् १६३१ से सन् १६५३ ई.
- जी का यह कहना की शाहज़हां और औरंगज़ेब ने बड़ी सावधानी के साथ संस्कृत से मेल खाते शब्द तेजो महालय को ताजमहल में बदल दिया यह सिर्फ एक मनगढंत और बचकाना बात है| इतिहास में इस बात का तो जिक्र है की ताजमहल का निर्माण कार्य १६३१ ई.