१८०४ वाक्य
उच्चारण: [ 1804 ]
उदाहरण वाक्य
- नेपोलियन बोनापार्ट (१५ अगस्त १७६९-५ मई १८२१) (जन्म नाम नेपोलियोनि दि बोनापार्टे) फ्रान्स की क्रान्ति में सेनापति, ११ नवम्बर १७९९ से १८ मई १८०४ तक प्रथम कांसल के रूप में शासक, और १८ मई १८०४ से ६ अप्रैलल १८१४ तक नेपोलियन १ के नाम से सम्राट रहा।
- नेपोलियन बोनापार्ट (१५ अगस्त १७६९-५ मई १८२१) (जन्म नाम नेपोलियोनि दि बोनापार्टे) फ्रान्स की क्रान्ति में सेनापति, ११ नवम्बर १७९९ से १८ मई १८०४ तक प्रथम कांसल के रूप में शासक, और १८ मई १८०४ से ६ अप्रैलल १८१४ तक नेपोलियन १ के नाम से सम्राट रहा।
- ईसाई थे उन्होंने सभी चर्चों को नष्ट करा दिया सिर्फ इस एक को छोड़ दिया और इस का पुनर्निर्माण करा कर इसे सरकारी चर्च बना दिया. १८०४ में यह चर्च अन्ग्लिकान्स के आधीन आ गया उन्होंने इस का नाम बदल कर सेंट फ्रांसिस रख दिया.[ज्ञात हो कि पुर्तगाली रोमन केथोलिक ईसाई थे.
- मराठों के आतंक से आजिज आ कर सामंत सिंह ने १८०४ में अंग्रेजों से संधि की, और जो वसूली मराठा किया करते थे, वही राशि अंग्रेजों को दिए जाने का करार किया गया; पर लॉर्ड कॉर्नवालिस की नयी राज्य-नीतियों के चलते ये करार भी बहुत समय तक लागू न रह सका, और प्रतापगढ़ अंततः अँगरेज़ हुकूमत के सीधे नियंत्रण में आ गया.
- मराठों के आतंक से आजिज आ कर सामंत सिंह ने १८०४ में अंग्रेजों से संधि की, और जो वसूली मराठा किया करते थे, वही राशि अंग्रेजों को दिए जाने का करार किया गया; पर लॉर्ड कॉर्नवालिस की नयी राज्य-नीतियों के चलते ये करार भी बहुत समय तक लागू न रह सका, और प्रतापगढ़ अंततः अँगरेज़ हुकूमत के सीधे नियंत्रण में आ गया.
- इनके शासन में केन्दुझर कि सीमा उत्तर में सिंहभूम से लेकर दक्षिण में सुकिन्दा (जो कि तत्कालिन कटक का एक जमिंदारी था)एवं पूर्व में मयुरभंज से लेकर पश्चिम में बणाइ, पाललहडा एवं अनुगुल पर्यन्त विस्तृत था | राजा प्रताप बलभद्र भंज (१७६४ सन-१७९२ सन)के समय में टिल्लो एवं जुझपडा नामक दो क्षुद्र प्रान्त, कन्टाझरी के जमिंदार से क्रय कर के केन्दुझर में सामिल किया गया | यह दो अंचल सन १८०४ में इष्टैइन्डिया कम्पानी द्वारा राजा जनार्द्दन भंज को दिए गये सनद में केन्दुझर के अन्तर्गत अंचल के रूप में दर्शाया गया था ।