.भारत वाक्य
उच्चारण: [ .bhaaret ]
उदाहरण वाक्य
- क्या मार्क्स-वाद की बौद्धिक गुलामी करना आज़ादी है? अरुंधती ओर इतर रक्त-रंगी लेफ्टियों से पूछा जा सकता है .भारत को गाली देने से अब दूसरा बुकर नहीं मिलेगा.काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती है ।
- का, बेली फेट का पता देखते ही देखते लगा लेगी .भारत में यह प्रोद्योगिकी जिसका प्रदर्शन अभी हाल ही में रेडिओलोजिकल सोसायटी ऑफ़ नार्थ अमेरिका की सालाना बैठक में किया गया था जनवरी २०१२ से उपलब्ध हो जायेगी.
- नयी दिल्ली 7 नवंबर. वार्ता. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री मुरली देवडा ने भारत और अप्रीकी देशों के बीच हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग बढाने के लिये आठ सूत्री एजेंडें की पेशकश करते हुये .भारत अप्रीका हाइड्रोकार्बन सम्मेलन एवं प्रदर्शनी.
- हड़बड़ी में आज़ादी लेने के चक्कर में आधा कश्मीर, आधा पंजाब,आधा बंगाल और पूरा सिंध हमने खो दिया .भारत की आजादी के समय एक अधूरा कश्मीर हमें मिला या कहें मेजर सोमनाथ शर्मा जैसे परमवीरो की शाहदत के कारण
- सर, आपके ब्लॉग के माध्यम से उठाया गया प्रदुषण मुक्त गंगा,प्रदुषण मुक्त सार्वजनिक जीवन मुद्दा समाज .भारत की संस्कृति,भारतीय राजनीती, भारत की प्रतिष्ठा (जिसे भारत की वर्तमान सरकार बुलेट ट्रेन की गति से धूमिल कर रही है)
- फिर उसके बाद फिर ओबामा द्वारा आलोचना और सुधार के उपदेश के बाद अब नंबर आया है भारत के पुराने मित्र रूस का......अब तक .भारत के हर मौसम के साथी रूस को भी अपने निवेश की फिक्र सताने लगी है।
- वितयतनाम में हमारी एजेंट हमें लेने के लिये हनोई पहुंच गई थीं और फिर उनके साथ ही हमने हनोई से हाई फाँग तक का सफर तय किया. .भारत में गिल्ली डंडा से गॉल्फ़ तक.कोई दो सप्ताह पहले सिंगापुर के अंग्रेजी दैनिक
- चीन के कसीदे काढ़े हैं खाती ने इस लेख में. उत्तरी सड़क मार्ग को खोलने की दुहाई देकर वह क्या सिद्ध करना चाहतें हैं .भारत की सीमाएं एक बार १९४७-४८ में खोली गईं थीं,कबीलाई और इर्रेग्युलार्स घुस आये थे ।
- हड़बड़ी में आज़ादी लेने के चक्कर में आधा कश्मीर, आधा पंजाब,आधा बंगाल और पूरा सिंध हमने खो दिया .भारत की आजादी के समय एक अधूरा कश्मीर हमें मिला या कहें मेजर सोमनाथ शर्मा जैसे परमवीरो की शाहदत के कारण इतना बच सका.
- दर्द की हवा चलती है! क्रांति! निचले पैदान पर जी रहे लोगो को जोड़ कर ही कोई आन्दोलन या क्रांति हो सकती है.उनको समय रहते ही संगठित करना होगा .भारत में रक्तरंजित क्रांति नहीं बल्कि रक्तहीन क्रांति की जरुरत है.