अटल बिहारी वाजपयी वाक्य
उच्चारण: [ atel bihaari vaajepyi ]
उदाहरण वाक्य
- माना जाता है कि तात्कालिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी और विपक्ष की नेता सोनिया गाँधी हमले के कुछ देर पहले ही संसद से निकले थे, जबकि लालकृण आडवाणी और कई नेता हमले के समय संसद में ही थे।
- माना जाता है कि तात् कालिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी और विपक्ष की नेता सोनिया गाँधी हमले के कुछ देर पहले ही संसद से निकले थे, जबकि लालकृण आडवाणी और कई नेता हमले के समय संसद में ही थे।
- हमें याद रहना चाहिए की एन. डी. ए का परचम लहराने वाले अटल बिहारी वाजपयी अगर चाहते तो उनकी दत्तक पुत्री नमिता कब की राजनीती में आ चुकी होती वो अपने पिता की सेवा में खुश हैं.
- आप ही देखिये और अन्तर कीजिये भारतीय खून में और इटली के खून में! एक तरफ भारत के सफल ईमानदार प्रधान मन्त्री श्री अटल बिहारी वाजपयी जी एक बुजुर्ग महिला के पाऊँ छूते हुए अपनी संस्कृति सभ्यता को अमर...
- पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी की सरकार में वित्त मंत्री रहे और वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिंह ने तीसरी बार गुजरात में भगवा फहराने वाले नरेंद्र मोदी को एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री के दावेदार के रूप में प्रस्तुत कर दिया।
- टेलीफोनिक वार्ता के दौरान तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी से कहा था, कि आप न्यूयार्क आए हम यहां पर टी पार्टी का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें हम आपकी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री […]
- अटल बिहारी वाजपयी जी की कविता ‘उनको याद करें ' की कुछ पंक्तियाँ गौरतलब हैं-जो वर्षों तक लड़े जेल में, उनकी याद करें/जो फाँसी पर चढे खेल में, उनकी याद करें/याद करें काला पानी को/अंग्रेजों की मनमानी को/कोल्हू में जुट तेल पेरते/सावरकर बलिदानी को।
- उदय जी तो खुलेआम अपने से मिलने वाले लोगों से कहते रहें हैं कि वे अटल बिहारी वाजपयी के प्रशंसक रहे हैं और इसी वजह से उन्होंने २ ०० ४ के आमचुनाव में ड्रैक् युला नरेंद्र मोदी की पार्टी भाजपा को वोट दिया था.
- २००४ के चुनाव से पूर्व आम राय ये बनाई गई थी कि अटल बिहारी वाजपयी ही प्रधान मंत्री बनेंगे पर सोनिया ने देश भर में घूमकर खूब प्रचार किया और सब को चौंका देने वाले नतीजों में यूपीए को अनपेक्षित २०० से ज़्यादा सीटें मिली।
- २००४ के चुनाव से पूर्व आम राय ये बनाई गई थी कि अटल बिहारी वाजपयी ही प्रधान मंत्री बनेंगे पर सोनिया ने देश भर में घूमकर खूब प्रचार किया और सब को चौंका देने वाले नतीजों में यूपीए को अनपेक्षित २०० से ज़्यादा सीटें मिली।