अनोखी पहचान वाक्य
उच्चारण: [ anokhi phechaan ]
उदाहरण वाक्य
- जीवन की विचित्र ही है रीत! दुःख दर्द ही जैसे हों मानव के सच्चे मीत! सौहार्द प्रेम की अनोखी पहचान लिये, अधरों पे खिला मनामोहक एक गीत! मेरे दामन में एक फूल था केवल, कैसे बनती माला कैसे एकाकी होती जीत! तभी सहृदयता का पावन स्पर्श हुआ, साथ हो चली अन्जान विम्बों से स्फुरित होती प्रीत! संबंधों का सार छुपा है साथ बढ़ते क़दमों में, अब भी सांस लेते हैं कुछ रिश्ते पुनीत! अविरल बहती धारा में प्रतिपल मुखरित जीवन संगीत!