अपरा विद्या वाक्य
उच्चारण: [ aperaa videyaa ]
उदाहरण वाक्य
- उनमें ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद, शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द और ज्योतिष का अध्ययन अपरा विद्या के अन्तर्गत किया जाता है तथा जिससे उस अक्षर ब्रह्म का ज्ञान होता है वह परा है.
- परा व अपरा विद्या की जननी गायत्री महामंत्र के जितने भी ज्ञात-अविज्ञात पक्ष हैं, उनको जन-जन के समक्ष प्रस्तुत कर एक प्रकार से समग्र मानव जाति का कायाकल्प करने, नूतन सृष्टि का सृजन करने का पुरुषार्थ इस ज्ञान के माध्यम से सम्पन्न हुआ है ।।
- इस उपनिषद के श्रवण मनन द्वारा जीव समस्त पापों का नाश करता है इसमें परा अपरा विद्या का स्वरूप, अक्षरब्रह्म के ज्ञान द्वारा संसार मोह से मुक्ति तथा मोक्ष कामना रखने वाले साधकों के लिए प्राणोंपासना का मार्ग दर्शाता है आत्म-ज्ञान से युक्त साधक पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त होकर स्वयं सच्चिदानन्द स्वरूप ब्रह्म बन जाता है.
- महर्षि अंगीरा:-मनुष्य के लिए जानने योग्य दो विद्याएं है-परा और अपरा / जिसके द्वारा इस लोक और परलोक के सम्बन्धी भोगो तथा उनकी प्राप्ति के साधनों का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, जिसमे भोगो की स्थिति, भोगो के उपभोग करने के प्रकार, भोग सामग्री की रचना और उनको उपलब्ध करने के साधन आदि का वर्णन है-वह अपरा विद्या है / जैसे ऋग्वेद, यजुर्वेद सामवेद और अर्थवेद / जगत के सभी पदार्थो एमव विषयो एक वेदों में भली भाँती वर्णन किया जाता है /